
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, आनी और मनाली क्षेत्रों में मादक पदार्थों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत पुलिस ने बीते दो दिनों में छह अलग-अलग मामलों में कार्रवाई करते हुए चरस, चिट्टा और अवैध रूप से उगाई गई भांग की भारी मात्रा बरामद की है। सभी मामले नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस अधिनियम (NDPS Act) के तहत दर्ज किए गए हैं और पुलिस द्वारा जांच प्रक्रिया जारी है।
सबसे पहला मामला पुलिस थाना आनी के अंतर्गत सामने आया, जहां 9 जुलाई 2025 को लुहरी पुलिस चौकी की टीम ने छांऊटी के समीप बैहना मोड़ पर नाकाबंदी के दौरान एक एचआरटीसी बस को जांच के लिए रोका। बस में बैठे एक संदिग्ध व्यक्ति की तलाशी लेने पर उसके कब्जे से 904 ग्राम चरस बरामद हुई। आरोपी की पहचान मोती राम (72 वर्ष) पुत्र स्वर्गीय बली राम, निवासी गांव दुवेड़ (जडार), डाकखाना खुन्न, तहसील आनी, जिला कुल्लू के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध पुलिस थाना आनी में NDPS अधिनियम की धारा 20 के अंतर्गत मामला दर्ज किया है और अब यह जांच की जा रही है कि आरोपी यह नशा कहां से लाया था और किन्हें बेचने वाला था।
दूसरा मामला पुलिस थाना कुल्लू से जुड़ा है, जहां 8 जुलाई 2025 को पुलिस की टीमों ने छिछम, भुरखू डुघ और पधरू थाच के जंगलों में गश्त के दौरान अवैध रूप से उगाई गई भांग की फसल को चिन्हित किया। पुलिस द्वारा मौके पर ही लगभग 59,000 भांग के पौधों को नष्ट किया गया। यह कार्रवाई राज्य में नशे के अवैध उत्पादन को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ चार अलग-अलग मामले पुलिस थाना कुल्लू में दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने NDPS अधिनियम की धारा 20 के तहत अभियोग पंजीकृत कर आगामी जांच शुरू कर दी है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि इन पौधों की खेती के पीछे कौन लोग शामिल हैं।
तीसरा मामला मनाली से जुड़ा है, जहां 8 जुलाई 2025 को पुलिस थाना मनाली की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर मंडल टाउन स्थित होटल अम्बर में दबिश दी। कमरे नंबर 108 की तलाशी लेने पर वहां मौजूद युवक के कब्जे से 3.550 ग्राम चिट्टा (हेरोइन) बरामद हुई। आरोपी की पहचान गगन दीप सिंह (21 वर्ष) पुत्र श्री भूपेन्द्र सिंह, निवासी वार्ड नंबर 2, सराफा बाजार, तहसील अमलोह, जिला फतेहगढ़ साहिब, पंजाब के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पुलिस थाना मनाली में NDPS अधिनियम की धारा 21 के तहत मामला दर्ज किया है और अब यह जांच की जा रही है कि युवक इस नशे की खरीद-फरोख्त में किस स्तर तक शामिल था।
इन सभी मामलों में पुलिस द्वारा प्राथमिक जांच के बाद अभियोग पंजीकृत कर लिए गए हैं और आगे की जांच जारी है। पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि इन घटनाओं के पीछे कौन-कौन लोग सक्रिय हैं और किस नेटवर्क के माध्यम से यह नशा पहाड़ी क्षेत्रों में पहुँच रहा है। पुलिस का मानना है कि नशे के इन मामलों की गहराई से जांच कर मुख्य स्रोतों तक पहुँचना बेहद जरूरी है ताकि इस प्रकार के अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।
इन मामलों ने एक बार फिर यह संकेत दिया है कि हिमाचल प्रदेश के शांत और पर्यटन स्थलों पर भी अब नशे का खतरा मंडराने लगा है। बुजुर्ग से लेकर युवा तक, सभी आयु वर्ग के लोग इन गतिविधियों में संलिप्त पाए जा रहे हैं, जो कि समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है। राज्य पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई निश्चित ही सराहनीय है, लेकिन इससे यह भी स्पष्ट होता है कि नशे के खिलाफ लड़ाई को और अधिक सख्ती से लड़ने की जरूरत है।
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