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Himachal: चेतावनी के बावजूद बढ़ रहे क्रिप्टो ठगी के मामले – कहीं आप अगला शिकार तो नहीं?

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साइबर सेल और पुलिस द्वारा लगातार चेतावनी देने के बावजूद लोग अब भी क्रिप्टो करंसी में निवेश कर रहे हैं और ‘पैसे डबल’ करने के लालच में अपनी जमा पूंजी गंवा रहे हैं। इस वर्ष अब तक 24 क्रिप्टो ठगी की शिकायतें साइबर अपराध शाखा को प्राप्त हो चुकी हैं, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 135 था। यह दर्शाता है कि जागरूकता के बावजूद ठगी की घटनाएं थमी नहीं हैं।

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जानकारी के अनुसार, आज भी लोग बिना किसी जानकारी या जांच-पड़ताल के क्रिप्टो में निवेश करना शुरू कर देते हैं। वे अक्सर प्रमाणहीन एक्सचेंज और नकली क्वाइन की चपेट में आ जाते हैं। कई बार ये ठगी सोशल मीडिया पर चलने वाले भ्रामक प्रचार या अत्यधिक रिटर्न देने वाले झूठे वादों के जरिए होती है। ऐसे प्लेटफॉर्म न तो किसी वैध संस्था से पंजीकृत होते हैं और न ही इनमें केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) की प्रक्रिया होती है, जिससे साइबर अपराधी आसानी से इनका दुरुपयोग करते हैं। इसकी गुमनामी और ट्रेसिंग की जटिलता इसे अपराधियों के लिए और भी सुविधाजनक बनाती है।

डार्क वेब पर भी क्रिप्टो करंसी का दुरुपयोग देखा गया है, जहां इसे अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे देखते हुए पुलिस विभाग ने एआई आधारित तकनीकों के जरिए ब्लॉकचेन पर संदिग्ध लेन-देन की निगरानी शुरू की है।

साइबर विशेषज्ञों की सलाह है कि लोग केवल प्रमाणिक और लाइसेंस प्राप्त एक्सचेंजों पर ही लेन-देन करें। बिना केवाईसी वाले प्लेटफॉर्म या अत्यधिक लाभ का वादा करने वाली स्कीमों से दूर रहें। किसी भी अज्ञात लिंक, ऐप या अनधिकृत माध्यम से क्रिप्टो से संबंधित कोई भी लेन-देन न करें। यदि किसी को ठगी, ब्लैकमेलिंग या किसी अवैध क्रिप्टो गतिविधि की जानकारी मिले, तो तुरंत नजदीकी साइबर क्राइम थाना या टोल फ्री नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करें।

सोशल मीडिया पर “पैसे डबल करें”, “बड़ा इनाम पाएं” जैसे आकर्षक विज्ञापनों से भी सतर्क रहना जरूरी है, क्योंकि ये स्कैम का हिस्सा हो सकते हैं। डार्क वेब से क्रिप्टो खरीदना, बेचना या उससे जुड़े रहना एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है और इसके लिए कानूनी कार्रवाई की जाती है।

पुलिस द्वारा इस दिशा में कई सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। डार्क वेब पर निगरानी के लिए विशेष टास्क फोर्स बनाई गई है और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर कार्रवाई की जा रही है। डीआईजी साइबर क्राइम आईपीएस मोहित चावला के अनुसार, इन अपराधों से बचाव के लिए सबसे जरूरी है जनता की खुद की सतर्कता। उन्होंने कहा कि “सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी” की तर्ज पर निवेश से पहले पूरी जांच करें और किसी भी अनधिकृत ऐप से लेन-देन न करें। यदि आप क्रिप्टो का उपयोग कर रहे हैं तो सुरक्षा और वैधता को प्राथमिकता दें और किसी भी संदेहजनक गतिविधि की तत्काल सूचना दें।

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