हिमाचल प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार ने 9 दिसंबर को ज्वाली रेस्ट हाउस में आयोजित जनसभा में घोषणा की कि सरकार पशुपालकों से 3 रुपये प्रति किलो की दर से गोबर खाद खरीदेगी।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की 90 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। गांवों को आत्मनिर्भर बनाकर ही प्रदेश की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित की जा सकती है। उन्होंने बताया कि भैंस और गाय के दूध के खरीद मूल्य में बढ़ोतरी की गई है, जिससे पशुपालकों की आय में सुधार हो रहा है। इसके अलावा, प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की और गेहूं को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है।

छठी गारंटी होगी पूरी
प्रो. चन्द्र कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार ने दो वर्षों में पांच चुनावी गारंटियों को पूरा कर दिया है। 11 दिसंबर को सरकार के दो साल पूरे होने पर गोबर खाद खरीद योजना की शुरुआत होगी, जिससे छठी गारंटी भी पूरी की जाएगी। इस योजना से पशुपालकों की आर्थिकी को मजबूती मिलेगी।
उन्होंने बताया कि ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों में बागवानी और सब्जी उत्पादन के लिए जैविक खाद की अधिक मांग रहती है। सरकार इन क्षेत्रों में 12 रुपये प्रति किलो तक के मूल्य पर यह खाद बेचेगी, जिससे प्रदेश को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।
आत्मनिर्भरता और कल्याणकारी योजनाओं पर फोकस
प्रो. चन्द्र कुमार ने कहा कि सरकार युवाओं, किसानों, महिलाओं, और वंचित वर्गों के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन योजनाओं का प्रचार-प्रसार गांव स्तर पर करें ताकि पात्र लोग इनका लाभ उठा सकें।
इस मौके पर कांग्रेस प्रवक्ता संसार सिंह संसारी, नगर पंचायत अध्यक्ष राजेंद्र राजू, उपाध्यक्ष ए.वी. पठानिया, पूर्व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष चैन सिंह गुलेरिया, और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
यह योजना न केवल ग्रामीण आय को बढ़ाएगी बल्कि जैविक खेती को भी बढ़ावा देगी।
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