हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रविवार शाम को नशे की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए ‘संकल्प’ पहल का शुभारंभ किया। यह पहल दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा आयोजित ‘भज गोविंदम’ भजन संध्या के दौरान की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार नशे के कारोबार पर रोक लगाने और नशे के आदी लोगों के पुनर्वास के लिए दृढ़ संकल्पित है। पिछले महीने कई नशे के तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, और सरकार का लक्ष्य है कि नशे के चंगुल से प्रभावित युवाओं को फिर से समाज की मुख्य धारा में वापस लाया जाए।
सरकार सिरमौर जिले के पच्छाद उपमंडल के अंतर्गत कोटला-बड़ोग में एक राज्य स्तरीय नशा निवारण और पुनर्वास केंद्र स्थापित कर रही है। इसके अलावा, सोलन जिले के कंडाघाट में 9,000 दिव्यांग छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए एक उत्कृष्ट केंद्र भी स्थापित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार विधवा और एकल महिलाओं के 23,000 बच्चों को मुफ्त शिक्षा भी दे रही है। राज्य के बुजुर्गों के कल्याण के लिए एक नई योजना पर विचार किया जा रहा है।
आध्यात्मिक कार्यक्रमों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समाज को जागरूक और जिम्मेदारी का एहसास कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की समाज सेवा के कार्यों की प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश को 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई और बताया कि सोलन जिले के नालागढ़ में 1 मेगावाट की क्षमता वाला ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के सुंदर प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इस कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, विधायक हरीश जनारथा और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।