प्रदेश की संवेदनशील सरकार की बदौलत मंडी जिले की बल्ह तहसील के छोटे से गांव डहणू के 6 वर्षीय जौर्य की जिंदगी में उम्मीद की किरणें लौट आई हैं। मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से मिली साढ़े चार लाख रुपए की मदद के चलते, जौर्य को श्रवण यंत्र लगाया जा सका, जिससे उसकी सुनने की क्षमता में सुधार हुआ और उसका भविष्य फिर से रोशन हो गया।
जन्म से सुनने की समस्या
जौर्य के माता-पिता, शकुंतला देवी और दिवान चंद, ने बताया कि उनका बेटा 2018 में पैदा हुआ था। जब वह एक साल का हुआ, तब उन्होंने महसूस किया कि जौर्य को सुनाई देने में परेशानी है। इलाज के लिए उन्होंने उसे नागरिक अस्पताल सुंदरनगर ले गए, जहां से उसे इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, शिमला रेफर किया गया। वहां की जांच में पता चला कि जौर्य को विशेष ऑपरेशन की जरूरत है, जिसमें उसके सिर के पिछले हिस्से में श्रवण यंत्र लगाया जाएगा।

आर्थिक संघर्ष और सरकार की सहायता
इस महंगे इलाज के खर्च के लिए जौर्य के माता-पिता को आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ा। उन्होंने 2020 में पहली बार आर्थिक मदद के लिए आवेदन किया। 2023 में दोबारा मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष में आवेदन करने पर उन्हें साढ़े चार लाख रुपए की मदद स्वीकृत हुई। जुलाई 2023 में दो लाख रुपए की पहली किस्त और अगस्त 2023 में अढ़ाई लाख रुपए की दूसरी किस्त मिलते ही जौर्य का ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया।
बदलती जिंदगी
इस ऑपरेशन के बाद जौर्य की सुनने की क्षमता में सुधार हुआ और अब वह राजकीय प्राथमिक पाठशाला डहणू में दूसरी कक्षा में पढ़ रहा है। उसकी मां, शकुंतला देवी, ने खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है।

सरकार की संवेदनशील नीतियां
मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन का कहना है कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर जरूरतमंद तक पहुंचाने के लिए प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है। मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष उन लोगों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है, जो आर्थिक तंगी के कारण बेहतर इलाज से वंचित रह जाते हैं।
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