
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सराज क्षेत्र में हाल ही में बादल फटने की घटना ने भीषण तबाही मचाई है। इस आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के साथ अब भारतीय सेना भी मोर्चा संभाल चुकी है, ताकि दूरदराज के इलाकों में फंसे लोगों तक जल्द से जल्द मदद पहुंचाई जा सके। बीते पांच दिनों से सराज के कई दुर्गम गांव देश-दुनिया से कटे हुए हैं, लेकिन बचाव दलों ने अब तक सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा दिया है।
थुनाग और जंजैहली क्षेत्रों में सबसे अधिक नुकसान देखने को मिला है। थुनाग के डेजी गांव से शुक्रवार को 65 लोगों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया। इन इलाकों में बादल फटने और भूस्खलन की वजह से कई सड़कें पूरी तरह से बह चुकी हैं, जिससे आवागमन ठप हो गया है। साथ ही, कई घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं और सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं। मलबे में दबे लोगों की तलाश के लिए ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस आपदा पर गहरी चिंता जताते हुए प्रभावित परिवारों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं और वे किराये पर रहना चाहते हैं, उन्हें सरकार प्रति माह ₹5,000 की सहायता देगी। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में मुफ्त राशन भी वितरित किया जा रहा है, ताकि लोगों को खाने-पीने की समस्या का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि मौसम साफ होते ही सेना के हेलीकॉप्टरों के माध्यम से मंडी के प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री भेजी जाएगी।
इस बीच, स्यांज के पंगलियुर गांव से लापता महिला पार्वती देवी का शव शुक्रवार को कांगड़ा जिले के देहरा में बरामद हुआ। इस खबर के बाद पूरे क्षेत्र में शोक का माहौल है। थुनाग और जंजैहली तक सड़क कनेक्टिविटी को बहाल करने के प्रयास जारी हैं। जेसीबी और अन्य मशीनों की मदद से मलबा हटाकर रास्ते खोले जा रहे हैं ताकि राहत सामग्री और बचाव दल समय पर पहुंच सकें।
शुक्रवार को सेना के हेलीकॉप्टर की मदद से सराज क्षेत्र में राहत सामग्री की एक बड़ी खेप भेजी गई। इसमें 40 राशन किट, 20 तिरपाल, 120 पानी की बोतलें, दो बॉक्स दवाएं और जरूरतमंदों के लिए कपड़े शामिल थे। ये सामग्री तुरंत उन लोगों तक पहुंचाई गई जो सबसे ज्यादा प्रभावित और कनेक्टिविटी से कटे हुए हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को इस भीषण आपदा की पूरी जानकारी दी है। गृहमंत्री ने हिमाचल प्रदेश को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा, केंद्र सरकार की एक टीम भी नुकसान का आकलन करने के लिए हिमाचल आने वाली है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस मानसून सीजन में केवल मंडी जिले में ही 14 बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं, जो चिंता का विषय है। उन्होंने गृहमंत्री के साथ इस विषय पर चर्चा की है और इसके वैज्ञानिक अध्ययन की आवश्यकता पर जोर दिया है।
सराज के अलावा, मंडी जिले के धर्मपुर, करसोग और सैंज क्षेत्र भी इस आपदा से प्रभावित हुए हैं। इन क्षेत्रों में कई घर और कृषि भूमि पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। राज्य सरकार इन सभी क्षेत्रों में राहत पहुंचाने और प्रभावितों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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