
हिमाचल प्रदेश में चंडीगढ़-शिमला नेशनल हाईवे (NH-5) पर कंडाघाट से कैथलीघाट के बीच सफर करना जोखिम भरा हो गया है। पहाड़ों से गिरने वाले पत्थर दुर्घटना का कारण बन रहे हैं, जिससे यात्री जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर हैं। प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर पहाड़ी के पास से गुजरने वाली लेन पर 15-20 मिनट के लिए वाहनों को रोकने की व्यवस्था की है, लेकिन इससे शिमला से सोलन जाने वाले यात्रियों को जाम का सामना करना पड़ रहा है।
कंडाघाट से कैथलीघाट के बीच की एक लेन कई महीनों तक बंद रही, लेकिन अब दोनों लेन खोल दी गई हैं। हालांकि, इस मार्ग पर इन दिनों फोरलेन निर्माण कार्य जारी है, जिसमें पहाड़ों को सुरक्षित बनाने का कार्य किया जा रहा है। कंडाघाट और क्यारी बंगले के बीच स्थिति ज्यादा गंभीर बनी हुई है। हैरानी की बात यह है कि फोरलेन निर्माण के दौरान यह सड़क बंद थी, लेकिन जैसे ही पहाड़ों की सुरक्षा का कार्य शुरू किया गया, इसे खोल दिया गया।
ड्रिलिंग के दौरान पहाड़ों से पत्थर गिरने की आशंका बनी रहती है, जिससे वाहन चालकों को बार-बार रोका जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस समस्या को देखते हुए वॉल प्रोटेक्शन का कार्य शुरू कर दिया है। इस परियोजना के तहत 42 खतरनाक पहाड़ियों को ठीक किया जाएगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि इस मार्ग पर यात्रा करने से पहले सड़क की स्थिति की जानकारी जरूर लें और सतर्कता बरतें।
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