प्रदेश सरकार की आर्थिक तंगी का असर मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना पर साफ नजर आ रहा है। चम्बा जिले के बाल संरक्षण विभाग ने बताया कि इस योजना के तहत बजट की कमी के कारण कई युवाओं की शादी नहीं हो पा रही है। चम्बा में लगभग 55 युवाओं ने योजना के लिए आवेदन किया था, लेकिन अभी तक करीब 30 को ही लाभ मिला है और बाकी युवाओं को वित्तीय सहायता के लिए बजट मिलने का इंतजार है। योजना के तहत शिक्षा, विवाह, स्टार्टअप और गृह निर्माण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, लेकिन बजट की कमी के कारण कई कार्य लंबित पड़े हैं।
खासतौर पर अनाथ कुंवारों को इसका सबसे अधिक नुकसान हुआ है, क्योंकि कई की शादी रद्द हो चुकी है और कई की शादी की तारीख स्थगित की गई है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी रींकू के अनुसार, चम्बा से लाभार्थियों का चयन हो चुका है, लेकिन बजट न मिलने के कारण बाकी युवाओं को सहायता नहीं मिल पा रही है। समय-समय पर आवेदन के साथ सरकार से बजट की मांग की जा रही है। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना का उद्देश्य उन बच्चों की मदद करना है जिनके पास न पढ़ाई के साधन हैं और न ही गृह निर्माण के लिए पैसे।
इस योजना के तहत 18 से 27 वर्ष की आयु के अनाथ और सक्षम युवाओं को लाभ दिया जाता है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस योजना के लिए 101 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है और 412 लाभार्थियों को मासिक 4000 रुपए की राशि सुरक्षा के तौर पर दी जा रही है। हालांकि बजट की कमी से योजना पूरी तरह प्रभावी नहीं हो पा रही है और इससे सबसे अधिक अनाथ युवाओं के सपनों पर असर पड़ा है।
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