वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में मध्यम वर्ग के लिए महत्वपूर्ण कर राहत की घोषणा की है। नए आयकर स्लैब के अनुसार, 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगेगा, जिससे लाखों करदाताओं को सीधा लाभ मिलेगा। वरिष्ठ बीमा सलाहकार सुनील डोगरा ने बजट के टैक्स पार्ट पर विश्लेषण करते हुए बताया कि 0 – 4 लाख रुपये तक की आय पर 0% कर, 4 – 8 लाख रुपये पर 5%, 8 – 12 लाख रुपये पर 10%, 12 – 16 लाख रुपये पर 15%, 16 – 20 लाख रुपये पर 20%, 20 – 24 लाख रुपये पर 25% और 24 लाख रुपये से अधिक आय पर 30% कर लगेगा। इसके अलावा, मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन) को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 कर दिया गया है।
सुनील डोगरा ने बताया कि इनकम टैक्स में अब तक की सबसे बड़ी राहत से 12 लाख रुपये तक की आय पर करदाताओं को कोई टैक्स नहीं देना होगा। पहले, इस आय पर लगभग ₹80,000 का टैक्स देना पड़ता था, लेकिन नई कर दरों और बढ़ी हुई मानक कटौती के कारण अब ₹12.75 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। हालांकि, यदि आय ₹12 लाख से केवल ₹1 भी अधिक होती है, तो पूरी आय पर नए टैक्स स्लैब के अनुसार कर लगाया जाएगा।
इन बदलावों से 12.75 लाख रुपये तक की आय वालों को ₹80,000, 20 लाख रुपये तक की आय वालों को ₹1.5 लाख और 24 लाख रुपये तक की आय वालों को ₹1.7 लाख का कर लाभ मिलेगा। इसके अलावा, इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समय सीमा को 2 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दिया गया है, जिससे करदाताओं को अधिक समय मिलेगा।
बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की सीमा 75% से बढ़ाकर 100% कर दी गई है, जिससे इस क्षेत्र में अधिक विदेशी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही, बीमा कंपनियों की पेंशन नीतियों को और अधिक किफायती बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
सरकार ने कस्टम टैक्स के 7 सरचार्ज हटाए हैं, जिससे 82 उपयोगी वस्तुओं की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है। इस कर राहत से मध्यम वर्ग को वित्तीय स्थिरता मिलेगी और वे अपनी बचत को बच्चों की पढ़ाई, शादी, स्वास्थ्य खर्च और रिटायरमेंट योजनाओं में निवेश कर सकेंगे। हालांकि, इन सुधारों से सरकार को ₹1 लाख करोड़ के राजस्व घाटे का अनुमान है।
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