सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में तैनात हैड कांस्टेबल नरेश कुमार का अचानक निधन हो गया, जिससे पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। 52 वर्षीय नरेश कुमार हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के धीरा उपमंडल के अंतर्गत आने वाले गांव डईं के निवासी थे और वर्तमान में पंजाब के गुरदासपुर में अपनी सेवाएं दे रहे थे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, नरेश कुमार को अचानक पेट में तेज दर्द उठा। परिजन और साथियों ने उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्यवश रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। उनके असमय निधन की खबर से न केवल परिवार बल्कि पूरे गांव में शोक की स्थिति उत्पन्न हो गई।

शुक्रवार को गांव बलोटी के श्मशानघाट पर उनका अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किया गया। अंतिम संस्कार के दौरान बीएसएफ के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके बेटे शुभम कुमार ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। शुभम वर्तमान में बंदला स्थित आईटीआई में पढ़ाई कर रहा है।
इस दुखद अवसर पर बीएसएफ की 24वीं बटालियन के सैकेंड इन कमांड विजेश राणा समेत कई अधिकारी और जवान मौजूद रहे। ग्रामीणों और क्षेत्रवासियों की बड़ी संख्या ने अंतिम संस्कार में भाग लेकर अपने प्रिय जवान को नम आंखों से अंतिम विदाई दी।

पूर्व सीपीएस जगजीवन पाल भी इस अवसर पर पहुंचे और नरेश कुमार के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की। उन्होंने कहा कि नरेश कुमार जैसे समर्पित जवानों की वजह से ही देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। नरेश कुमार अपने पीछे पत्नी रजनी और बेटे शुभम को छोड़ गए हैं।
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