कांगड़ा जिले के बल्लाह गांव में 18 अप्रैल 2024 को हुई महिला की हत्या का मामला 309 दिन बाद भी अनसुलझा है। यह ब्लाइंड मर्डर केस पुलिस के लिए एक चुनौती बना हुआ है। मामले की जांच के दौरान पुलिस ने कई सुराग खंगाले और अब कुछ संदिग्धों के लाई डिटेक्टर टेस्ट करवाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इसके लिए न्यायालय से अनुमति मांगी गई है।
पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए डीएनए और कैमिकल एनालिसिस के आधार पर जांच आगे बढ़ाई है। अब तक दर्जनों लोगों के डीएनए सैंपल लिए जा चुके हैं, और विशेष जांच दल (SIT) ने मामले की गहन पड़ताल की है। पुलिस ने घटनास्थल का 10 बार दौरा कर साक्ष्य जुटाने का प्रयास किया है। फोरेंसिक विशेषज्ञों और जिला पुलिस प्रमुखों ने मौके पर जाकर जांच की और सीन री-क्रिएट कर संभावित सुराग जुटाने की कोशिश की।
18 अप्रैल 2024 को देर शाम कुसुम देवी की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी, और उसका शव जंगल में मिला था। घटनास्थल से एक पेपर कटर भी बरामद किया गया था, जिसे हत्या में इस्तेमाल किया गया हथियार माना जा रहा है। पुलिस ने 27 जून 2024 को शक के आधार पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, लेकिन पर्याप्त साक्ष्य न होने के कारण उसे न्यायालय ने छोड़ दिया।
जांच में सामने आया कि वारदात के दिन घटनास्थल के पास एक स्कूटी पर तीन लोग देखे गए थे, जिनमें से एक वही व्यक्ति था जिसे बाद में छोड़ दिया गया। हालांकि, पुलिस को अब तक इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं।
पुलिस ने पीड़िता का विस्तृत प्रोफाइल तैयार किया है, जिसमें उसके संपर्क में रहने वाले लोगों और परिवार की जानकारी ली गई है। अब ब्रेन मैपिंग और लाई डिटेक्टर टेस्ट की योजना बनाई जा रही है, ताकि सच का पता लगाया जा सके।
वर्ष 2024 में कांगड़ा जिले में कुल 12 हत्या के मामले सामने आए थे, जिनमें से 11 मामलों को पुलिस ने सुलझा लिया है। हालांकि, बल्लाह गांव का यह ब्लाइंड मर्डर केस अब भी अनसुलझा बना हुआ है।
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