हमीरपुर: पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद अनुराग ठाकुर ने शनिवार को बड़सर और नादौन में जनसंवाद किया, जहां उन्होंने स्थानीय समस्याओं पर चर्चा की। इस अवसर पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि आज हिमाचल प्रदेश कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन और नाकामी के कारण अव्यवस्था और अनिश्चितता की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सरकार की परियोजनाओं के पैसे न मिलने पर विकास कार्य ठप्प हो गए हैं।
अनुराग ठाकुर ने प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण सड़क योजना और पेयजल जैसी कई योजनाओं का उल्लेख किया, जो धरातल पर लोगों के जीवन में सुधार ला रही हैं। उन्होंने राज्य सरकार की आलोचना की कि वह न तो नए प्रोजेक्ट ला पा रही है और न ही पुरानी योजनाओं को ठीक कर पा रही है, यह कहते हुए कि मुख्यमंत्री के अपने गृह विधानसभा क्षेत्र में भी सड़कें खस्ताहाल हैं।
ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हिमाचल प्रदेश को संभालने में असफल रही है और उन्होंने राज्य को कुछ नहीं दिया, केवल संसाधनों को ही छीनने का काम किया है। उन्होंने याद दिलाया कि हिमाचल को विशेष राज्य का दर्जा अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार द्वारा दिया गया था, जिसे यू.पी.ए. सरकार ने वापस ले लिया, लेकिन जब मोदी सरकार आई, तो विशेष राज्य का दर्जा फिर से दिया गया। इस दर्जे के तहत राज्य सरकार को विकास कार्यों के लिए केवल 10% खर्च उठाना होगा, जबकि 90% खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर जनभावनाओं और अपने वायदों पर खरे नहीं उतरने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कार्यप्रणाली के कारण आज हिमाचल प्रदेश की जगहंसाई हो रही है, जिसमें शौचालय पर टैक्स लगाने जैसे कदम शामिल हैं, जो कांग्रेस के नेताओं की धरातल से कितनी दूरी दर्शाता है।
ठाकुर ने बताया कि कांग्रेस के राज में हिमाचल देश का एकमात्र राज्य बन गया, जहां शौचालय की सीट पर भी टैक्स लगा है। एक ओर, मोदी सरकार ने देश भर में 12 करोड़ शौचालय बनवाए, वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस शौचालय पर टैक्स लगाकर कमाई करने में जुटी है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के चलते प्रदेश 96 हजार करोड़ के कर्जे में डूब गया है और इसी हालात में यह साल के अंत तक एक लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने 1.5 वर्ष में प्रदेश का बंटाधार कर दिया है। महंगाई, उद्योगों के प्रति बेरुखी और कर्मचारियों को सैलरी-पेंशन के लिए तरसने की स्थिति दिखाती है कि कांग्रेस सरकार चलाने में असफल हो रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनावों से पहले बड़े वायदे किए, लेकिन चुनाव के बाद न केवल वादे पूरे नहीं किए, बल्कि प्रदेश की माली हालत इतनी खराब कर दी कि यहां वेतन और पेंशन के लिए परेशानियां बढ़ गई हैं।