धर्मशाला, 19 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश की परिवहन व्यवस्था को अधिक पर्यावरण अनुकूल, आत्मनिर्भर और डिजिटल बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा एक के बाद एक ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के उपाध्यक्ष अजय वर्मा ने धर्मशाला में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि एचआरटीसी को मजबूत और व्यवहार्य बनाने के लिए निगम की संरचना और सेवाओं में व्यापक सुधार किए जा रहे हैं।
उपाध्यक्ष ने जानकारी दी कि एचआरटीसी के बेड़े में समय-समय पर नई बसों को शामिल कर उन रूट्स पर सेवाएं आरंभ की जा रही हैं जहां से आय की संभावनाएं अधिक हैं। इसी क्रम में प्रदेश को ग्रीन स्टेट बनाने के अभियान के तहत सरकार ने इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता देते हुए धर्मशाला को पहले चरण में 15 इलेक्ट्रिक बसें प्रदान की हैं।
इसके साथ ही निगम नई वोल्वो बसें खरीदने की दिशा में भी सक्रियता से काम कर रहा है ताकि लंबी दूरी के रूट्स पर यात्रियों को आरामदायक यात्रा अनुभव मिले और एचआरटीसी की आमदनी में इजाफा हो।
कर्मचारियों को मिला प्रोत्साहन, पहली बार अनुबंधित कर्मचारियों को किया नियमित
वर्मा ने कहा कि एचआरटीसी की ताकत इसके समर्पित कर्मचारी हैं। निगम ने दो वर्षों का अनुबंध कार्यकाल पूरा करने वाले कर्मचारियों को सबसे पहले नियमित कर सम्मानित किया है। धर्मशाला मंडल के अंतर्गत वर्तमान में 601 रूट्स संचालित हो रहे हैं, जिनमें 378 लोकल और 223 लॉन्ग रूट्स शामिल हैं। यहां कुल 2485 कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं।
यात्रियों के लिए डिजिटल सुविधाएं – स्मार्ट कार्ड, कैशलेस भुगतान, सम्मान कार्ड
एचआरटीसी अब डिजिटल इंडिया की दिशा में भी कदम बढ़ा रहा है। यात्रियों की सुविधा के लिए स्मार्ट कार्ड, ग्रीन कार्ड और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सम्मान कार्ड शुरू किए गए हैं, जिनका लाभ अब तक 65,214 लोग उठा रहे हैं। इसके अलावा, कैशलेस पेमेंट की सुविधा एचआरटीसी की बसों में आरंभ की गई है, जिससे हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है जहां सार्वजनिक परिवहन में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया गया है।
नए बस अड्डों और अवैध बसों पर शिकंजा
कांगड़ा मंडल में वर्तमान में 16 बस अड्डों का संचालन हो रहा है और सरकार की योजना इन्हें आधुनिक सुविधाओं से लैस करने की है ताकि यात्रियों को बेहतर अनुभव मिल सके। इसके अतिरिक्त, एचआरटीसी जल्द ही बाहरी राज्यों से अवैध रूप से चलने वाली वोल्वो और अन्य बसों पर भी कार्रवाई करेगा। नाकों और विशेष टीमों के माध्यम से इन बसों पर शिकंजा कसा जाएगा ताकि निगम को राजस्व का नुकसान न हो।
राज्य सरकार की प्रतिबद्धता
वर्मा ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार एचआरटीसी को देश की श्रेष्ठ परिवहन इकाइयों में शामिल करने की दिशा में हरसंभव प्रयास कर रही है। एचआरटीसी की बसें प्रदेश के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए जीवनरेखा हैं और इन्हें सशक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता है।
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