
धर्मशाला, 11 अप्रैल। कृषि मंत्री प्रो चंद्र कुमार ने शुक्रवार को धर्मशाला उपमंडल के ढगवार में मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट परिसर का निरीक्षण किया और अधिकारियों को निर्माण कार्य को तत्परता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि इस संयंत्र के निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा पूरी धनराशि उपलब्ध करवाई जा रही है और इसका कार्य फरवरी 2026 तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह संयंत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण में मील का पत्थर साबित होगा।
कृषि मंत्री ने बताया कि संयंत्र की प्रारंभिक प्रसंस्करण क्षमता 1.50 लाख लीटर प्रतिदिन (एलएलपीडी) है, जिसे भविष्य में 3 लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाया जा सकता है। संयंत्र के शुरू होने से कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, चंबा और ऊना जिलों के 35,000 से अधिक दुग्ध उत्पादकों को लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादकों की आय में वृद्धि के साथ-साथ दुग्ध संग्रहण, प्रसंस्करण, गुणवत्ता नियंत्रण और वितरण से जुड़े क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। साथ ही, परिवहन, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और रखरखाव सेवाओं में अप्रत्यक्ष रोजगार भी उपलब्ध होंगे।
कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा दूध की दरों में वृद्धि के बाद मिल्कफेड की दैनिक दूध खरीद क्षमता 1,40,000 लीटर से बढ़कर 2,10,000 लीटर हो गई है।
उन्होंने कहा कि इस अत्याधुनिक संयंत्र में प्रतिदिन 1.50 लाख लीटर दूध का प्रसंस्करण किया जाएगा, जिससे दही, लस्सी, मक्खन, घी, पनीर, फ्लेवर्ड मिल्क, खोया और मोजरेला चीज जैसे उत्पाद तैयार किए जाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और इसी उद्देश्य से गाय व भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भी वृद्धि की गई है।
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