मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। सबसे महत्वपूर्ण फैसला 780 मेगावाट की जंगी-थोपन-पोवारी जलविद्युत परियोजना को हिमाचल प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड को सौंपने की मंजूरी का रहा। इसके साथ ही 1630 मेगावाट की रेणुकाजी परियोजना और 270 मेगावाट की थाना प्लाउन पंप भंडारण परियोजना भी आवंटित की गई।
स्वास्थ्य मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल की अध्यक्षता में एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति का गठन किया गया, जिसका उद्देश्य रोगी कल्याण समितियों को मजबूत करना है। इसके अलावा, शैक्षिक गुणवत्ता सुधार के लिए सोलन में राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) को मंजूरी दी गई, साथ ही 12 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (DIET) को सुदृढ़ करने का निर्णय भी लिया गया।
मंत्रिमंडल ने कांगड़ा के देहरा और सिरमौर के पांवटा साहिब में 50 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक स्थापित करने की मंजूरी भी दी। इसके अतिरिक्त, विभिन्न विभागों में कुल 33 पदों को भरने, नए पुलिस स्टेशनों का सृजन और चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति के फैसले भी लिए गए।
यह बैठक राज्य में विकास और प्रशासनिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।