Hamirpur: स्वस्थ और पौष्टिक मिठाइयाँ: हमीरपुर की ग्रामीण महिला की अनूठी पहल

हमीरपुर जिले के नादौन उपमंडल के जंदली गुजरां गांव की एक महिला ने घी, तेल और चीनी से परहेज करने वाले लोगों के लिए खास मिठाइयां तैयार कर अनोखी मिसाल पेश की है। आमतौर पर, बिना घी, तेल और चीनी के लड्डू, बर्फी और पेड़े की कल्पना मुश्किल लगती है, लेकिन राधे कृष्णा स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाई गई ये मिठाइयां स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट हैं। इस समूह का नेतृत्व ग्रामीण महिला अनीता ठाकुर कर रही हैं, जिन्होंने अपने प्रयासों से न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारी, बल्कि अन्य महिलाओं को भी रोजगार दिया।

अनीता ठाकुर पहले दूध बेचकर जीवनयापन कर रही थीं। अपनी आय बढ़ाने के लिए उन्होंने आतमा परियोजना की मदद से छोटे पैमाने पर पनीर और खोआ का उत्पादन शुरू किया। इसके बाद ग्रामीण विकास विभाग ने उन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत महिला स्वयं सहायता समूह बनाने के लिए प्रेरित किया। अनीता ठाकुर ने राधे कृष्णा स्वयं सहायता समूह का गठन कर कृषि विज्ञान केंद्र से अचार, चटनी, आंवला कैंडी और मिठाइयां बनाने का प्रशिक्षण लिया।

पति की मृत्यु के बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी अनीता ठाकुर के कंधों पर आ गई, जिसके बाद उन्होंने अपने समूह के माध्यम से पपीते और आंवले की मिठाइयों का उत्पादन शुरू किया। आज यह समूह बिना घी, तेल और चीनी के तैयार बर्फी, लड्डू, पेड़े और कैंडी का बड़े पैमाने पर उत्पादन कर रहा है, जो न केवल हमीरपुर, बल्कि हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों में भी लोकप्रिय हो रही हैं।

अनीता ठाकुर ने बताया कि इस व्यवसाय से उनकी आय में बढ़ोतरी हुई है और करीब 10 महिलाओं को रोजगार मिला है। इस आय से उन्होंने नया मकान बनाया और अपनी बेटी की शादी भी की। साथ ही, वह अपने दो बच्चों की परवरिश कर रही हैं। उनके प्रयासों और ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से, वह अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं।

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