राजकीय महाविद्यालय रिड़कमार में छात्राओं को मासिक धर्म स्वच्छता और किशोरावस्था में होने वाले परिवर्तनों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में आयुष विभाग हिमाचल प्रदेश की ओर से दरिणी में कार्यरत आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर डॉ आरती पठानिया ने अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
डॉ पठानिया ने छात्राओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के महत्व को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के उपाय न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने समाज में मासिक धर्म से जुड़े मिथकों और भ्रांतियों को दूर करने के लिए छात्राओं को जागरूक किया और इस संबंध में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी।
कार्यक्रम के दौरान, डॉ पठानिया ने किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक और मानसिक परिवर्तनों पर भी चर्चा की। उन्होंने छात्राओं को बताया कि इस समय शरीर में होने वाले बदलाव पूरी तरह से स्वाभाविक हैं और इस दौरान स्वच्छता और पोषण का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के 70 से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। महाविद्यालय के शिक्षक और गैर-शिक्षक वर्ग ने भी इसमें भाग लिया और इसे सफल बनाने में सहयोग दिया।
इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम समाज में महिलाओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
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