शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ (हपुटवा) ने लंबे समय से लंबित शिक्षकों की मांगें पूरी न होने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। पहले चरण में शिक्षक काले बिल्ले लगाकर काम करेंगे, और अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे अपने आंदोलन को तेज करेंगे। दूसरे चरण में, हपुटवा के बैनर तले शिक्षक राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर को ज्ञापन सौंपेंगे।
बुधवार को हुई बैठक की अध्यक्षता हपुटवा के अध्यक्ष डॉ. नितिन व्यास ने की। उन्होंने कहा कि करियर एडवांसमेंट स्कीम (सीएएस) के लिए अलग अधिसूचना जारी नहीं होने के कारण हजारों शिक्षकों की पदोन्नति रुकी हुई है। हिमाचल प्रदेश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सेवाएं देने वाले शिक्षकों को यूजीसी के नियमों के तहत आने के बावजूद इस देरी का सामना करना पड़ रहा है।
डॉ. व्यास ने कहा कि पिछली सरकार ने 2022 में नया वेतनमान लागू किया था, लेकिन सीएएस के लिए अलग अधिसूचना की बात कही थी, जो अब तक जारी नहीं हुई है। वर्तमान सरकार ने दो साल से अधिक समय में भी इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं लिया, जिससे यूजीसी के तहत चलने वाले 7000 कर्मचारियों की पदोन्नति प्रभावित हो रही है।
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