Himachal: सीएम सुक्खू के आश्वासन के आगे झुके रेजिडेंट डॉक्टर, अनिश्चितकालीन हड़ताल खत्म, सोमवार से ओपीडी बहाल

दिल्ली से लौटने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के हस्तक्षेप का असर दिखाई दिया है। अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल रहे रेजिडेंट डॉक्टरों ने आखिरकार अपनी हड़ताल वापस ले ली है। इसके साथ ही सोमवार से अस्पतालों में ओपीडी समेत सभी स्वास्थ्य सेवाएं फिर से सुचारू रूप से शुरू हो जाएंगी, जिससे बीते कई दिनों से परेशान मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।

हालांकि रविवार देर शाम तक रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन अपनी मांगों को लेकर अड़ी रही। संगठन के भीतर भी मतभेद नजर आए, जहां कुछ डॉक्टर हड़ताल खत्म करने के पक्ष में थे, जबकि कुछ इसे जारी रखने की बात कह रहे थे। लेकिन देर शाम आरडीए ने औपचारिक रूप से अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल को कॉल ऑफ करने का फैसला कर लिया।

जानकारी के अनुसार आईजीएमसी शिमला के रेजिडेंट डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री से मिले आश्वासन के बाद तत्काल प्रभाव से हड़ताल समाप्त कर दी है। आरडीए की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की विस्तृत जांच शुरू करने और डॉ. राघव नरूला की सेवा समाप्ति को लेकर आगे उचित निर्णय लेने का भरोसा दिया है। मुख्यमंत्री के इस आश्वासन पर विश्वास जताते हुए और जनहित को प्राथमिकता देते हुए हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।

हालांकि आरडीए ने यह भी साफ किया है कि डॉ. राघव नरूला की सेवा समाप्ति के आदेश रद्द होने तक आईजीएमसी शिमला में जांच प्रक्रिया पर पूरी नजर रखी जाएगी। आगे की रणनीति तय करने के लिए 3 जनवरी को एसोसिएशन की बैठक बुलाई गई है। इस बीच आरडीए शिमला ने आंदोलन के दौरान राज्य और देशभर के रेजिडेंट डॉक्टरों से मिले समर्थन के लिए आभार जताया है। साथ ही एचएमओए, सैमडिकोट, प्रदेश के मेडिकल शिक्षक संघों और अन्य सहयोगी संगठनों को भी धन्यवाद दिया गया है।

दिल्ली से लौटने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मीडिया से बातचीत में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को अनुचित बताया था। अनाडेल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा था कि डॉक्टर पहले अपनी हड़ताल समाप्त करें, इसके बाद सोमवार को सीनियर डॉक्टरों से बातचीत की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले ही आश्वासन दिया था कि दिल्ली से लौटने के बाद उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की जाएगी, इसके बावजूद हड़ताल पर जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

मुख्यमंत्री ने कहा था कि डॉक्टरों को उनकी बात पर भरोसा करना चाहिए था और मरीजों की परेशानियों को देखते हुए हड़ताल जैसा कदम नहीं उठाना चाहिए था। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि रेजिडेंट डॉक्टरों को अहंकार छोड़कर वापस ड्यूटी पर आना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार मरीजों और डॉक्टरों दोनों के साथ खड़ी है और आपसी संवाद से ही इस विवाद का समाधान निकाला जाना चाहिए।

हड़ताल समाप्त होने के बाद अब मरीजों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। बीते दो से तीन दिनों से इलाज के लिए भटक रहे मरीज अब जांच और उपचार करवा सकेंगे। दूरदराज के इलाकों से आए कई मरीज अस्पतालों में इस उम्मीद में रुके रहे कि सोमवार से सेवाएं बहाल होंगी। हालांकि कुछ मरीज बिना इलाज के वापस लौट गए थे, लेकिन अब हड़ताल खत्म होने के बाद वे फिर से अस्पतालों का रुख करेंगे।

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