Kangra: किसानों को मिलेगा बड़ा सहारा, कम प्रीमियम पर लोन और फसल बीमा पर कृषि मंत्री के सख्त निर्देश

धर्मशाला स्थित राजकीय महाविद्यालय के प्रयास भवन में बुधवार को कृषि मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार की अध्यक्षता में कृषि विभाग की एक अहम समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में हिमाचल प्रदेश के उत्तर क्षेत्र के पांच जिलों चंबा, कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर और ऊना में लागू की जा रही विभिन्न कृषि योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक में प्राकृतिक खेती सहित राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन पर विशेष चर्चा हुई।

कृषि मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे किसानों को कम प्रीमियम पर कृषि ऋण लेने और अपनी फसलों का बीमा करवाने के लिए लगातार प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि इससे किसानों की आय को स्थिरता मिलेगी और उन्हें आर्थिक सुरक्षा का भरोसा भी मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों से किसानों की उपज के लिए बेहतर बाजारों से तालमेल बनाने को कहा, ताकि किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिल सके।

प्रो. चन्द्र कुमार ने कहा कि विभाग के युवा अधिकारी नई तकनीकों और नवाचारों को अपनाते हुए किसानों को बाजार की मांग के अनुरूप फसल उत्पादन के लिए मार्गदर्शन दें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बदलते समय के साथ खेती में आधुनिक सोच और नई रणनीतियों को अपनाना बेहद जरूरी है।

कृषि मंत्री ने जानकारी दी कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और इसके उत्पादों को उपभोक्ताओं तक आसानी से पहुंचाने के लिए हाल ही में प्रदेश स्तर पर प्राकृतिक खेती से जुड़ी इकाइयों का पुनर्गठन किया गया है। इसके तहत हिमाचल प्रदेश को तीन जोनों में बांटा गया है, जिनके जोनल कार्यालय शिमला, मंडी और धर्मशाला में स्थापित किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती के उत्पादों के विपणन पर भी सरकार खास ध्यान दे रही है। इसी कड़ी में प्राकृतिक खेती से तैयार गेहूं का आटा और दलिया अब सरकारी राशन डिपुओं, आत्मा परियोजना कार्यालयों और कृषि विभाग के अन्य कार्यालयों के माध्यम से उपलब्ध करवाया जा रहा है, ताकि किसानों को सीधे बाजार से जोड़ा जा सके।

बैठक में कृषि मंत्री ने बताया कि विभिन्न योजनाओं के तहत उत्तर क्षेत्र में 405 कृषि यंत्र वितरित किए गए हैं, 24,182 मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को दिए गए हैं और 3,43,843 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने अधिकारियों को कॉफी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए। साथ ही चाय बागानों के मालिकों को आधुनिक तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करने को कहा गया।

कृषि मंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि किसानों को उनके लिए संचालित सभी कृषि योजनाओं की पूरी जानकारी दी जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इन योजनाओं का लाभ उठा सकें।

बैठक के दौरान संयुक्त निदेशक कृषि डॉ. राहुल कटोच ने कृषि मंत्री का स्वागत किया और विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों का जिला स्तर पर पूरा डाटा एकत्र किया जा रहा है, जिसे जल्द प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि बैठक में दिए गए सभी निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाएगा।

इस समीक्षा बैठक में पांचों जिलों के उप कृषि निदेशक, आत्मा परियोजना निदेशक, मंडलीय अभियंता भू-संरक्षण, उप-मंडलीय भू-संरक्षण अधिकारी, विषय विशेषज्ञ और कृषि विकास अधिकारी मौजूद रहे।

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