धर्मशाला। विदेशों में रोजगार के लिए जाने वाले हिमाचल प्रदेश के युवाओं के हितों की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रोफेसर चंद्र कुमार ने स्पष्ट किया है कि अब विदेशों में नौकरी के लिए जाने वाले युवाओं की पूरी प्रक्रिया सरकारी निगरानी, पारदर्शिता और जवाबदेही के दायरे में होगी, ताकि किसी भी तरह के शोषण, धोखाधड़ी या उत्पीड़न की गुंजाइश न रहे। उन्होंने चयनित युवाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे देश और विदेश में जहां भी काम करें, मेहनत और ईमानदारी को हमेशा प्राथमिकता दें।
प्रो. चंद्र कुमार यह बात आज आईटीआई धर्मशाला में आयोजित विदेश रोजगार मेले के दौरान कही। यह रोजगार मेला रोजगार कार्यालय द्वारा आईटीआई दाड़ी में हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम और जेएसडीएस के सहयोग से संयुक्त अरब अमीरात में डिलीवरी राइडर्स, वेयरहाउस हेल्पर्स और पिकर्स के पदों के लिए आयोजित किया गया था। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विदेश में नौकरी करने के इच्छुक युवा पहुंचे।

उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश के कई युवा बेहतर रोजगार की तलाश में विदेश तो जाते थे, लेकिन निजी और अवैध एजेंटों के माध्यम से जाने के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान और परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इन्हीं अनुभवों को देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार ने विदेश रोजगार नीति में व्यापक और संरचनात्मक सुधार किए हैं।
कृषि एवं पशुपालन मंत्री ने बताया कि अब राज्य सरकार स्वयं अधिकृत और भरोसेमंद एजेंसियों के माध्यम से युवाओं के लिए स्पॉन्सरशिप की व्यवस्था कर रही है। इन एजेंसियों का चयन पूरी जांच-पड़ताल के बाद किया जा रहा है और उनकी कार्यप्रणाली पर सरकार की लगातार निगरानी रहेगी। उन्होंने साफ कहा कि तय शर्तों के तहत ही युवाओं को विदेश भेजा जाएगा और किसी भी तरह की अनियमितता पाए जाने पर संबंधित एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रो. चंद्र कुमार ने कहा कि सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि विदेश भेजे जाने से पहले युवाओं की दक्षता, कौशल और प्रोफिशिएंसी का सही आकलन हो, ताकि उन्हें उनकी योग्यता और अनुभव के अनुरूप काम मिल सके और वे विदेश में सुरक्षित व सम्मानजनक जीवन जी सकें।
उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल रोजगार उपलब्ध कराना नहीं है, बल्कि युवाओं को सुरक्षित, भरोसेमंद और सम्मानजनक व्यवस्था के तहत अपना भविष्य संवारने का अवसर देना है। राज्य सरकार चाहती है कि हिमाचल का युवा एक संगठित और संरक्षित प्रणाली का हिस्सा बने, जहां एजेंसियां, नियोक्ता और श्रमिक एक मजबूत कड़ी के रूप में जुड़े हों।

प्रो. चंद्र कुमार ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार जताते हुए कहा कि यह नीति प्रदेश के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है और इससे युवाओं के शोषण पर प्रभावी रोक लगेगी। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे विदेश रोजगार से जुड़े अवसरों के लिए केवल सरकारी माध्यमों का ही चयन करें और किसी भी अवैध एजेंट या दलाल के झांसे में न आएं।
इस अवसर पर क्षेत्रीय रोजगार अधिकारी अक्षय कुमार ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और रोजगार मेले की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें 200 से अधिक युवाओं के साक्षात्कार आयोजित किए जा रहे हैं। कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक कृषि राहुल कटोच, उप निदेशक कृषि कुलदीप धीमान, आईटीआई दाड़ी के प्रधानाचार्य राजेश कुमार पुरी, जेएसडीएस जालंधर के पदाधिकारी गुरजीत सिंह, जिला रोजगार अधिकारी आकाश राणा सहित अन्य अधिकारी और बड़ी संख्या में आईटीआई के छात्र-छात्राएं व विदेश में रोजगार के इच्छुक युवा उपस्थित रहे।
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