छत्रधारी चालदा महासू महाराज की ऐतिहासिक पैदल देव यात्रा शनिवार शाम उत्तराखंड से चलकर हिमाचल प्रदेश की अंतर्राज्यीय सीमा मीनस पहुंची, जहां श्रद्धा और आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। जैसे ही महाराज ने हिमाचल की धरती पर प्रवेश किया, पूरा क्षेत्र “जय चालदा महासू महाराज” के जयकारों से गूंज उठा। सीमा क्षेत्र में भक्तों का ऐसा जनसैलाब उमड़ा कि पैर रखने तक की जगह नहीं बची।
महाराज के स्वागत के लिए शिलाई विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों गांवों से हजारों श्रद्धालु मीनस पहुंचे। उत्तराखंड से भी बड़ी संख्या में भक्त चालदा महासू महाराज को भावभीनी विदाई देने पहुंचे, जबकि हिमाचल प्रदेश की ओर से श्रद्धालु घंटों पहले ही सीमा पर डटे रहे। दोनों राज्यों से आए भक्तों की मौजूदगी ने इस धार्मिक आयोजन को ऐतिहासिक रूप दे दिया।
इस दौरान देव परंपराओं और देव कला का दिव्य प्रदर्शन श्रद्धालुओं को भाव-विभोर करता नजर आया। पारंपरिक वाद्य यंत्रों, धार्मिक अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों से पूरा क्षेत्र भक्तिमय माहौल में डूबा रहा। विधिवत पूजा-अर्चना के बाद छत्रधारी चालदा महासू महाराज का भव्य रूप से हिमाचल प्रदेश में आगमन हुआ, जिससे पूरे इलाके में उत्सव और सांस्कृतिक गौरव का वातावरण बन गया।
बताया गया कि चालदा महासू महाराज ने द्राबिल में रात्रि ठहराव किया है। यहां से वे रविवार को पश्मी के लिए रवाना होंगे, जहां तैयार किए गए भव्य मंदिर में महाराज एक वर्ष के लिए विराजमान होंगे।
इस अवसर पर उद्योग, संसदीय मामले, श्रम एवं रोजगार मंत्री हर्षवर्धन चौहान स्वयं मीनस पहुंचे और देव यात्रा में भाग लिया। उन्होंने श्रद्धालुओं से शांति और अनुशासन के साथ दर्शन करने की अपील की। इससे पहले उन्होंने शिलाई, पश्मी और द्राबिल में व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया।
देव आगमन समारोह में विधायक नाहन अजय सोलंकी, मार्केटिंग कमेटी के अध्यक्ष सीता राम शर्मा, एसडीएम शिलाई जसपाल, जल शक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता प्रदीप चौहान, महासू महाराज पश्मी मंदिर समिति के बारू राम डिमेदार, भंडारी रघुवीर सिंह, वजीर दिनेश सहित शिलाई क्षेत्र के हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।
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