Kangra: चिट्टे के खिलाफ हिमाचल में सख्त अभियान: मुख्यमंत्री ने जन आंदोलन और इनाम योजना की दी जानकारी

धर्मशाला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज जिला कांगड़ा के धर्मशाला में नारकोटिक्स को-ऑर्डिनेशन सेंटर (एनकोर्ड) की छठी राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश में चिट्टा और अन्य मादक पदार्थों के खिलाफ चल रहे अभियान को तेज करने के निर्देश दिए। बैठक में राज्य सरकार के संबंधित विभागों के साथ-साथ एन.सी.बी., ई.डी., डी.आर.आई., डाक विभाग और आर.पी.एफ. जैसी केन्द्रीय एजेंसियों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की 234 अत्यधिक संवेदनशील पंचायतों में सीआईडी और पुलिस बल की विशेष तैनाती की गई है। उन्होंने उपायुक्तों को इन पंचायतों में नशा निवारण समितियां गठित करने के निर्देश दिए और नियमित नारकोटिक्स को-ऑर्डिनेशन बैठक आयोजित करने का आग्रह किया। उन्होंने युवाओं, अभिभावकों, पंचायती संस्थाओं, महिला मंडलों और स्वयंसेवी संगठनों से नशा मुक्त हिमाचल बनाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।

ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने जिला प्रशासन को आदेश दिया कि वे नशे से अर्जित संपत्तियों की रिपोर्ट 10 दिसंबर तक सरकार को सौंपें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चिट्टा तस्करी में संलिप्त 60 सरकारी कर्मचारियों में से 5 को बर्खास्त किया जा चुका है और बाकी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी है।

मुख्यमंत्री ने आने वाले समय में जिला और सब डिवीजन स्तर पर एंटी-चिट्टा वॉकथॉन आयोजित करने की योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि न केवल सख्त प्रवर्तन, बल्कि नशे से पीड़ित व्यक्तियों के लिए काउंसलिंग, उपचार और पुनर्वास तंत्र को भी मजबूत किया जा रहा है। सरकारी भर्तियों में ड्रग टेस्ट अनिवार्य किया गया है और स्कूल-कॉलेजों में एंटी-ड्रग क्लब और साथी शिक्षा कार्यक्रम सक्रिय बनाए जा रहे हैं।

सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने ‘चिट्टा सूचना इनाम योजना’ की घोषणा भी की। इसके तहत किसी भी व्यक्ति द्वारा चिट्टा की सूचना देने पर 10 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक का इनाम मिलेगा। लोग सूचना 112 नंबर पर कॉल करके या नजदीकी पुलिस स्टेशन में दे सकते हैं।

उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में 5642 एनडीपीएस मामले दर्ज किए गए, 8216 गिरफ्तारियां हुईं और 36.657 किलो चिट्टा जब्त किया गया। प्रदेश में पीआईटी एनडीपीएस लागू किया गया है, 46 कुख्यात तस्कर हिरासत में लिए गए और 48 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की गई।

बैठक में मुख्य सचिव संजय गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्याम भगत नेगी, पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी, प्रधान सचिव देवेश कुमार, सचिव एम. सुधा देवी, राकेश कंवर, सुशील कुमार सिंघला और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी जिलों के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।

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