Kullu: कुल्लू में फिर बढ़ा डर! खनेड पहाड़ी से लगातार रिसाव, 200 घर खतरे में

कुल्लू के इनर अखाड़ा बाज़ार के लोग इन दिनों फिर से भारी चिंता में हैं। खनेड पहाड़ी से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है, और स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पानी ऊपर स्थित मठ क्षेत्र के सीवरेज और नालियों से आ रहा है। वर्षों से अनदेखी की गई यह समस्या अब बेहद गंभीर रूप ले चुकी है—खासतौर पर इसलिए, क्योंकि तीन महीने पहले इसी इलाके में दो भूस्खलन में 10 लोगों की मौत हुई थी और क्षेत्र को रेड ज़ोन घोषित किया गया था।

200 घर अब भी जोखिम में

करीब 200 से ज्यादा मकान लगातार खतरे में हैं, लेकिन लोगों का आरोप है कि किसी भी विभाग ने अब तक सुरक्षा के ठोस कदम नहीं उठाए हैं।

स्थानीय निवासी नेहा ने प्रशासन पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि बार-बार लिखित और मौखिक शिकायतों के बावजूद नगर परिषद, जल शक्ति विभाग और अन्य एजेंसियां पूरी तरह उदासीन हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर रिसाव को तुरंत रोका नहीं गया, तो यह इलाका कोट्रूपी या जोशीमठ जैसी आपदा की चपेट में आ सकता है।

एक अन्य निवासी अंजु ने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में रिसाव और तेज़ हो गया है। “तीन महीने बीत गए लेकिन न अस्थायी मरम्मत हुई, न ढलानों को सुरक्षित किया गया। पूरा इलाका आज भी खुला और असुरक्षित है।”

“इतिहास दोहराता दिख रहा है”

सितंबर के भूस्खलन में अपने पड़ोसियों को खो चुके एक अन्य निवासी ने कहा कि हालात ठीक 2014 के पहले भूस्खलन से पहले जैसे दिख रहे हैं। “हम 10 साल से समस्या उठा रहे हैं, लेकिन कभी भी स्थायी समाधान नहीं किया गया,” उन्होंने कहा।
स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ रही है क्योंकि फरवरी की बारिश नज़दीक है। उनका कहना है कि देरी हुई तो सरकार को किसी भी जनहानि की ज़िम्मेदारी लेनी होगी।

अब सामूहिक संघर्ष का फैसला

प्रभावित निवासी संजय ने बताया कि समुदाय अब सामूहिक रूप से कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि लोग मुख्यमंत्री, विधायक, उपायुक्त, नगर परिषद, जल शक्ति और राजस्व विभाग को दिए गए सभी ज्ञापनों पर अब दोबारा जोर देंगे, क्योंकि “हर दिन पहाड़ी कमजोर हो रही है और लोगों की ज़िंदगी दांव पर है।”

निवासियों की तीन तात्कालिक मांगें
1. कुल्लू दशहरा से बचा हुआ धन मलबा हटाने और क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत पर खर्च किया जाए।
2. एसडीएम कुल्लू की अध्यक्षता में संयुक्त निरीक्षण समिति बनाई जाए, जिसमें जल शक्ति, नगर परिषद, राजस्व और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी शामिल हों, ताकि मठ क्षेत्र में सीवरेज व नाली व्यवस्था को ठीक किया जा सके।
3. मुख्यमंत्री द्वारा घोषित किराया सहायता योजना जल्द लागू की जाए, ताकि प्रभावित परिवारों को राहत मिले।

एक और त्रासदी का डर

हालांकि मानसून अभी दूर है, लेकिन सर्दियों की बारिश बस शुरू होने वाली है। लोगों को भय है कि यदि तुरंत कार्रवाई नहीं हुई, तो इनर अखाड़ा बाज़ार एक और टाली जा सकने वाली आपदा का शिकार हो सकता है।

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