हिमाचल प्रदेश विधानसभा में लगातार तीसरे दिन भी माहौल गर्म रहा। सदन में प्रश्नकाल तो 27 मिनट चला, लेकिन विपक्ष के हंगामे और वैल में नारेबाजी के चलते कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।
इसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो विपक्ष राजस्व मंत्री की कथित आरएसएस पर टिप्पणी को लेकर एकजुट दिखा और कड़ी नाराजगी जताई।
“विषय से हटकर टिप्पणी की गई” — जयराम ठाकुर
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि राजस्व मंत्री ने विषय से हटकर टिप्पणी कर सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाई है।
जयराम ने कहा:
• “राजस्व मंत्री ने भाजपा भगाओ, बेटी बचाओ जैसा बयान दिया, जो गलत है।”
• “एक मंत्री को रोकने में सरकार नाकाम साबित हुई है।”
• “मंत्री को सदन में माफी मांगनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सबको बोलने का अधिकार है, लेकिन उसके लिए मर्यादा जरूरी है।
“आरएसएस विश्व का सबसे बड़ा संगठन है” — विपिन सिंह परमार
विधायक विपिन सिंह परमार ने भी मंत्री के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
उन्होंने कहा:
• “आरएसएस ने देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिया।”
• “इस तरह की सोच होना ही गलत है, मंत्री को माफी मांगनी होगी।”
“नेता एक-दूसरे के कपड़े उतारने पर उतारू” — हर्षवर्धन चौहान
संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने दोनों पक्षों पर निशाना साधते हुए कहा कि कई बार नेता राजनीतिक लाभ के लिए एक-दूसरे पर व्यक्तिगत टिप्पणियां कर देते हैं।
उन्होंने कहा:
• “अगर सत्ता पक्ष की ओर से कुछ कहा गया है तो भाजपा भी कांग्रेस पर कम नहीं बोलती।”
• “व्यक्तिगत टिप्पणी से बचना चाहिए।”
विषय से हटकर टिप्पणियां हटेंगी रिकॉर्ड से — विधानसभा अध्यक्ष
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि वह पूरा रिकॉर्ड देखेंगे और जो भी टिप्पणियां विषय से हटकर हैं, उन्हें रिकॉर्ड से हटाया जाएगा।
माफी की मांग पर उन्होंने कहा कि इससे टकराव की स्थिति बन सकती है, इसलिए दोनों पक्ष संयम बरतें।
उन्होंने बताया कि स्थगन प्रस्ताव पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव पर था, लेकिन पक्ष और विपक्ष दोनों विषय से भटक गए।
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