शिमला के राम मंदिर में मंगलवार का दिन पूरी तरह राम भक्ति में डूबा रहा। सूद सभा शिमला द्वारा आयोजित श्रीराम–सीता विवाह उत्सव में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और भगवान श्रीराम तथा माता सीता के दिव्य विवाह के साक्षी बने। मंदिर परिसर दिनभर जय श्रीराम के गगनभेदी नारों से गूंजता रहा और वातावरण पूरी तरह आध्यात्मिक रंग में रंग गया।
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह पूजन और पारंपरिक लग्न विधि के साथ हुई। इसके बाद दोपहर तक भजन संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें भक्तों ने भक्ति रस से भरे भजनों पर भावपूर्ण सहभागिता निभाई। दोपहर में भंडारे का आयोजन किया गया, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
शाम 3 बजे आयोजित सुंदरकांड पाठ इस उत्सव का मुख्य आकर्षण रहा, जिसने पूरे परिसर को श्रीराम भक्ति के ऊर्जा से भर दिया। वैदिक अनुष्ठान, भक्ति संगीत और सामूहिक मंगल आशीर्वाद ने इस दिव्य आयोजन को और भी विशेष बना दिया।
सूद सभा शिमला ने सभी भक्तों का धन्यवाद करते हुए कहा कि श्रीराम–सीता विवाह उत्सव समाज में प्रेम, आदर्श और धर्म के पालन का प्रेरणादायक संदेश देता है। परिवारों सहित पहुंचे श्रद्धालु इस परंपरागत आयोजन का हिस्सा बने और श्रीराम–सीता के पावन मिलन का आनंद लिया।
राम मंदिर सूद सभा शिमला के प्रधान राजीव सूद ने बताया कि विवाह पंचमी वह शुभ तिथि है, जब भगवान श्रीराम और माता सीता का दिव्य विवाह संपन्न हुआ था। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए हर वर्ष भक्ति और उत्साह के साथ यह उत्सव मनाया जाता है।
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