हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुधवार से धर्मशाला स्थित तपोवन में आरंभ होने जा रहा है। इस सत्र को लेकर सरकार मंगलवार दोपहर शिमला से धर्मशाला के लिए रवाना होगी और अगले दस दिनों तक पूरा सरकारी तंत्र धर्मशाला में ही कार्यरत रहेगा। प्रशासनिक तैयारियों के तहत कई अधिकारी सोमवार को ही धर्मशाला पहुँच चुके हैं, जबकि शेष अधिकारी मंगलवार तक पहुंच जाएंगे। सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस और भाजपा विधायक दल अलग-अलग बैठकें करके अपनी रणनीति तय करेंगे। कांग्रेस की बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू करेंगे, जबकि भाजपा की बैठक नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अगुवाई में होगी।
प्रदेश के मौजूदा राजनीतिक माहौल को देखते हुए इस बार सदन में सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक होने की संभावना है। विपक्ष कानून व्यवस्था, चुनावी गारंटियों, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, हालिया आपदा, सड़कों की खराब स्थिति, नशा तस्करी, कर्मचारियों और पेंशनर्ज के मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। दूसरी ओर, सरकार सदन में अपने तीन वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धियों को मजबूती से रखने और विपक्ष के सभी सवालों का जवाब देने की रणनीति बना चुकी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मंगलवार को ही धर्मशाला के लिए रवाना होंगे और अधिकांश मंत्री तथा विधायक 25 नवंबर तक तपोवन पहुंच जाएंगे।
धर्मशाला में 26 नवंबर से 5 दिसंबर तक चलने वाला यह सत्र अब तक का सबसे बड़ा शीतकालीन सत्र होगा, जिसमें कुल आठ बैठकें निर्धारित की गई हैं। सत्र के समाप्त होते ही सुक्खू सरकार अपने तीन वर्षीय कार्यकाल के उपलक्ष्य में 11 दिसंबर को मंडी में आयोजित होने वाले समारोह की तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करेगी। सत्र शुरू होते ही शिमला सचिवालय में चहलकदमी कम हो जाएगी और प्रशासनिक गतिविधियां धर्मशाला केंद्रित रहेंगी।
सत्र के दौरान विभिन्न कर्मचारी संगठनों और एसोसिएशनों की ओर से भी अपनी मांगों को सरकार के समक्ष उठाने की तैयारी की जा रही है। इसी क्रम में 28 नवंबर को पेंशनर्ज अपनी लंबित मांगों को लेकर धर्मशाला में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा कई प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री और मंत्रियों से मुलाकात कर अपने मुद्दे रखेंगे।
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