नई दिल्ली, 31 अक्तूबर। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की युवा सनसनी जेमिमा रोड्रिग्स (Jemimah Rodrigues) ने ऑस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीम को हराकर भारत को वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचा दिया है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए इस रोमांचक सेमीफाइनल में जेमिमा ने ऐसा प्रदर्शन किया जिसे भारतीय क्रिकेट फैन्स सालों तक याद रखेंगे।
सेमीफाइनल में रचा इतिहास
ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 339 रनों का विशाल लक्ष्य दिया था। शुरुआत में भारत ने दो विकेट जल्दी गंवा दिए, लेकिन तब मैदान में उतरीं 23 वर्षीय जेमिमा रोड्रिग्स ने मैच का पूरा रुख बदल दिया।
उन्होंने 134 गेंदों में नाबाद 127 रन बनाए, जिसमें 14 चौके और 3 छक्के शामिल थे। उनकी यह शानदार पारी न सिर्फ भारत की जीत की कुंजी बनी, बल्कि यह भारतीय महिला क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी सफल रन चेज़ में से एक बन गई। अब भारत 2 नवंबर को साउथ अफ्रीका के खिलाफ फाइनल खेलेगा।
17 साल की उम्र में डेब्यू, आज टीम की रीढ़
मुंबई के बांद्रा में 5 सितंबर 2000 को जन्मी जेमिमा ने सिर्फ 17 साल की उम्र में 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था। तब उन्हें टीम की “बेबी ऑफ द स्क्वाड” कहा जाता था, लेकिन आज वही खिलाड़ी टीम इंडिया की सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में से एक बन चुकी हैं।
बीच में टीम से बाहर होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार वापसी की, जहां उनके प्रदर्शन ने सबको प्रभावित किया।
चर्च और क्रिकेट — दोनों से जुड़ी जड़ें
जेमिमा एक कैथोलिक परिवार से हैं। उनके पिता इवान रोड्रिग्स मुंबई के एक स्कूल में क्रिकेट कोच हैं और जेमिमा की शुरुआती ट्रेनिंग भी उन्होंने ही दी। उनकी मां लोरी रोड्रिग्स म्यूजिक टीचर हैं — और जेमिमा खुद एक बेहतरीन गिटारिस्ट और सिंगर भी हैं।
मैचों के बाद उन्हें अक्सर अपने साथियों के साथ गिटार बजाते और गाते देखा जाता है।
विदेशी लीगों से मिला करियर को नया मोड़
जेमिमा के करियर को असली उड़ान मिली जब उन्हें इंग्लैंड की Kia Super League (KSL) में खेलने का मौका मिला। वहां उन्होंने 401 रन बनाए, औसत 57.28 और स्ट्राइक रेट 149.62 रहा। इसके बाद उन्होंने The Hundred, WBBL (Australia) और WPL (India) में भी शानदार प्रदर्शन किया।
इन विदेशी लीगों में उनके प्रदर्शन ने उन्हें ग्लोबल क्रिकेट स्टार बना दिया।
संघर्ष, निराशा और शानदार वापसी
साल 2023 के टी20 वर्ल्ड कप के बाद जब उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया, तो उन्होंने कहा था —
“मुझे लगा मेरा करियर खत्म हो गया।”
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। लगातार मेहनत, फिटनेस और तकनीक पर काम करते हुए उन्होंने 2024 में जबरदस्त वापसी की। अब वे भारत की सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में गिनी जाती हैं।
भविष्य की उम्मीद
जेमिमा रोड्रिग्स सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं, बल्कि नई पीढ़ी की प्रेरणा बन चुकी हैं। उनकी कहानी बताती है कि सफलता टैलेंट से नहीं, बल्कि संघर्ष और आत्मविश्वास से मिलती है।
अगर उनका यही फॉर्म जारी रहा, तो आने वाला वर्ल्ड कप फाइनल भारत के नाम होना तय है।
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