घुमारवीं बाजार के राष्ट्रीय उच्च मार्ग-103, जो शिमला से धर्मशाला तक जाता है और मुख्य बस अड्डे तक पहुँचता है, इन दिनों राहगीरों और वाहन चालकों के लिए चिंता का सबब बन गया है। इस मार्ग की सड़क में बने गड्ढे और जर्जर हिस्से न केवल वाहन चालकों के लिए खतरनाक हैं, बल्कि स्थानीय निवासियों और दुकानदारों के जीवन में रोजमर्रा की समस्याएं पैदा कर रहे हैं।
सड़क की दयनीय स्थिति के कारण आए दिन छोटे-मोटे हादसों की संभावना बनी रहती है। विशेष रूप से सुबह और शाम के समय, जब बाजार में अधिक भीड़ होती है और बसें अपने निर्धारित रूट पर चलती हैं, तो चालक गड्ढों से बचने के लिए अचानक ब्रेक लगाते हैं या साइड में मुड़ते हैं, जिससे अन्य वाहन चालकों और राहगीरों के लिए खतरा बढ़ जाता है।बस चालकों की मुश्किलें
घुमारवीं मार्ग पर प्रतिदिन सैकड़ों बसें बस अड्डे तक जाती हैं। इन बसों के चालक गड्ढों और टूटे हुए हिस्सों के कारण कई बार अपने वाहन का नियंत्रण खो बैठते हैं। स्थानीय बस चालक अर्जुन कुमार ने बताया, “सड़क पर कई गड्ढे इतने बड़े हैं कि उन्हें पार करना मुश्किल होता है। अगर तेज गति में कोई वाहन इन गड्ढों में फंस जाए, तो बड़े हादसे का जोखिम रहता है।”
बस चालक यह भी कहते हैं कि अक्सर गड्ढों के कारण बसों के टायर और सस्पेंशन को भी नुकसान पहुंचता है। इससे न केवल वाहन की मरम्मत में खर्च बढ़ता है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा पर भी असर पड़ता है।
स्थानीय निवासियों की शिकायतें
स्थानीय दुकानदार और निवासी सड़क की हालत को लेकर लंबे समय से नाराज हैं। दुकानदार प्रदीप, मोहित, अक्षय, मनजीत, गुडरा, संतोष और काशी राम ने बताया कि सड़क की जर्जर हालत से रोजमर्रा के कामकाज में मुश्किलें बढ़ गई हैं।
प्रदीप ने कहा, “हमारे यहां रोज सुबह से शाम तक लोग आते-जाते हैं। सड़क की स्थिति खराब होने के कारण पैदल चलना भी खतरनाक हो गया है। कई लोग अपने पैरों या वाहनों को चोटिल कर चुके हैं। प्रशासन को इस ओर तुरंत ध्यान देना चाहिए।”
मोहित ने जोड़ा, “सड़क पर गड्ढों के कारण छोटे वाहन अक्सर फंस जाते हैं और वाहन चालक अपनी सुरक्षा के लिए जोखिम उठाते हैं। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब कोई बड़ा वाहन जैसे बस या ट्रक मार्ग से गुजरता है।”
स्थानीय निवासी अक्षय और मनजीत ने कहा कि गड्ढों की वजह से छोटे-छोटे दुर्घटनाएं आम बात बन गई हैं। कभी बाइक गिरती है, कभी पैदल चलने वाले फिसल जाते हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि सड़क की जल्द से जल्द मरम्मत करवाई जाए, ताकि किसी बड़े हादसे को टाला जा सके।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
नगर परिषद अध्यक्ष रीता सहगल ने इस मामले पर गंभीरता व्यक्त की और कहा कि समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि संबंधित विभाग को सड़क की वर्तमान स्थिति और स्थानीय शिकायतों के बारे में जानकारी दे दी गई है।
रीता सहगल ने आश्वासन दिया, “हम जल्द ही इस सड़क की मुरम्मत के लिए कार्यवाही करेंगे। हमारी कोशिश रहेगी कि मरम्मत का काम जल्द से जल्द शुरू हो और सड़क को सुरक्षित बनाया जाए। हम स्थानीय निवासियों और वाहन चालकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे।”
गड्ढों से जुड़े खतरे
विशेषज्ञों का कहना है कि सड़क में गड्ढे और टूटे हिस्से न केवल वाहन चालकों को प्रभावित करते हैं, बल्कि पैदल यात्रियों और बच्चों के लिए भी खतरनाक हैं। अगर बारिश के मौसम में गड्ढे पानी से भर जाएं, तो हादसे की संभावना और बढ़ जाती है।
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ अरुण सिंह का कहना है, “घुमारवीं बाजार जैसे व्यस्त मार्गों पर सड़क की हालत ठीक न होने से दुर्घटनाओं का जोखिम बहुत बढ़ जाता है। गड्ढों के कारण वाहन पलट सकते हैं या अचानक ब्रेक लगाने से पीछे से आ रहे वाहन की टक्कर हो सकती है। प्रशासन को ऐसे मामलों में तेजी से कदम उठाने चाहिए।”
संभावित समाधान
स्थानीय प्रशासन और नगर परिषद के सहयोग से निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
1. सड़क पर मौजूद गड्ढों की पहचान और तुरंत मरम्मत।
2. सड़क के कमजोर हिस्सों की पुनर्निर्माण।
3. ट्रैफिक को सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यक चेतावनी बोर्ड और संकेत।
4. नियमित निरीक्षण और रखरखाव का कार्यक्रम।
5. स्थानीय लोगों और दुकानदारों की शिकायतों के आधार पर प्राथमिकता तय करना।
स्थानीय लोग भी चाहते हैं कि सड़क की मरम्मत कार्य जल्दी से जल्दी शुरू हो और भविष्य में सड़क की नियमित देखभाल की जाए। इससे न केवल दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी, बल्कि स्थानीय व्यापार और यातायात की सुगमता भी बढ़ेगी।
निष्कर्ष
घुमारवीं बाजार की सड़कें वर्तमान समय में राहगीरों और वाहन चालकों के लिए खतरे का सबब बन चुकी हैं। गड्ढों और जर्जर हिस्सों की वजह से छोटे-मोटे हादसे आम बात बन गए हैं। स्थानीय दुकानदार और निवासी प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि सड़क की मरम्मत तुरंत करवाई जाए।
नगर परिषद अध्यक्ष रीता सहगल ने आश्वासन दिया है कि संबंधित विभाग को इस समस्या से अवगत करवा दिया गया है और जल्द ही मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा।
सड़क की स्थिति को सुधारने के लिए प्रशासन और स्थानीय समुदाय के सहयोग की आवश्यकता है। अगर समय रहते इस दिशा में कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में बड़े हादसे की संभावना बनी रहेगी।
बस चालकों की मुश्किलें
घुमारवीं मार्ग पर प्रतिदिन सैकड़ों बसें बस अड्डे तक जाती हैं। इन बसों के चालक गड्ढों और टूटे हुए हिस्सों के कारण कई बार अपने वाहन का नियंत्रण खो बैठते हैं। स्थानीय बस चालक अर्जुन कुमार ने बताया, “सड़क पर कई गड्ढे इतने बड़े हैं कि उन्हें पार करना मुश्किल होता है। अगर तेज गति में कोई वाहन इन गड्ढों में फंस जाए, तो बड़े हादसे का जोखिम रहता है।”
बस चालक यह भी कहते हैं कि अक्सर गड्ढों के कारण बसों के टायर और सस्पेंशन को भी नुकसान पहुंचता है। इससे न केवल वाहन की मरम्मत में खर्च बढ़ता है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा पर भी असर पड़ता है।
स्थानीय निवासियों की शिकायतें
स्थानीय दुकानदार और निवासी सड़क की हालत को लेकर लंबे समय से नाराज हैं। दुकानदार प्रदीप, मोहित, अक्षय, मनजीत, गुडरा, संतोष और काशी राम ने बताया कि सड़क की जर्जर हालत से रोजमर्रा के कामकाज में मुश्किलें बढ़ गई हैं।
प्रदीप ने कहा, “हमारे यहां रोज सुबह से शाम तक लोग आते-जाते हैं। सड़क की स्थिति खराब होने के कारण पैदल चलना भी खतरनाक हो गया है। कई लोग अपने पैरों या वाहनों को चोटिल कर चुके हैं। प्रशासन को इस ओर तुरंत ध्यान देना चाहिए।”
मोहित ने जोड़ा, “सड़क पर गड्ढों के कारण छोटे वाहन अक्सर फंस जाते हैं और वाहन चालक अपनी सुरक्षा के लिए जोखिम उठाते हैं। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब कोई बड़ा वाहन जैसे बस या ट्रक मार्ग से गुजरता है।”
स्थानीय निवासी अक्षय और मनजीत ने कहा कि गड्ढों की वजह से छोटे-छोटे दुर्घटनाएं आम बात बन गई हैं। कभी बाइक गिरती है, कभी पैदल चलने वाले फिसल जाते हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि सड़क की जल्द से जल्द मरम्मत करवाई जाए, ताकि किसी बड़े हादसे को टाला जा सके।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
नगर परिषद अध्यक्ष रीता सहगल ने इस मामले पर गंभीरता व्यक्त की और कहा कि समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि संबंधित विभाग को सड़क की वर्तमान स्थिति और स्थानीय शिकायतों के बारे में जानकारी दे दी गई है।
रीता सहगल ने आश्वासन दिया, “हम जल्द ही इस सड़क की मुरम्मत के लिए कार्यवाही करेंगे। हमारी कोशिश रहेगी कि मरम्मत का काम जल्द से जल्द शुरू हो और सड़क को सुरक्षित बनाया जाए। हम स्थानीय निवासियों और वाहन चालकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे।”
गड्ढों से जुड़े खतरे
विशेषज्ञों का कहना है कि सड़क में गड्ढे और टूटे हिस्से न केवल वाहन चालकों को प्रभावित करते हैं, बल्कि पैदल यात्रियों और बच्चों के लिए भी खतरनाक हैं। अगर बारिश के मौसम में गड्ढे पानी से भर जाएं, तो हादसे की संभावना और बढ़ जाती है।
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ अरुण सिंह का कहना है, “घुमारवीं बाजार जैसे व्यस्त मार्गों पर सड़क की हालत ठीक न होने से दुर्घटनाओं का जोखिम बहुत बढ़ जाता है। गड्ढों के कारण वाहन पलट सकते हैं या अचानक ब्रेक लगाने से पीछे से आ रहे वाहन की टक्कर हो सकती है। प्रशासन को ऐसे मामलों में तेजी से कदम उठाने चाहिए।”
संभावित समाधान
स्थानीय प्रशासन और नगर परिषद के सहयोग से निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
1. सड़क पर मौजूद गड्ढों की पहचान और तुरंत मरम्मत।
2. सड़क के कमजोर हिस्सों की पुनर्निर्माण।
3. ट्रैफिक को सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यक चेतावनी बोर्ड और संकेत।
4. नियमित निरीक्षण और रखरखाव का कार्यक्रम।
5. स्थानीय लोगों और दुकानदारों की शिकायतों के आधार पर प्राथमिकता तय करना।
स्थानीय लोग भी चाहते हैं कि सड़क की मरम्मत कार्य जल्दी से जल्दी शुरू हो और भविष्य में सड़क की नियमित देखभाल की जाए। इससे न केवल दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी, बल्कि स्थानीय व्यापार और यातायात की सुगमता भी बढ़ेगी।
निष्कर्ष
घुमारवीं बाजार की सड़कें वर्तमान समय में राहगीरों और वाहन चालकों के लिए खतरे का सबब बन चुकी हैं। गड्ढों और जर्जर हिस्सों की वजह से छोटे-मोटे हादसे आम बात बन गए हैं। स्थानीय दुकानदार और निवासी प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि सड़क की मरम्मत तुरंत करवाई जाए।
नगर परिषद अध्यक्ष रीता सहगल ने आश्वासन दिया है कि संबंधित विभाग को इस समस्या से अवगत करवा दिया गया है और जल्द ही मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा।
सड़क की स्थिति को सुधारने के लिए प्रशासन और स्थानीय समुदाय के सहयोग की आवश्यकता है। अगर समय रहते इस दिशा में कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में बड़े हादसे की संभावना बनी रहेगी।
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