भोटा, कांगड़ा जिले का एक महत्वपूर्ण परिवहन केंद्र है, जहां प्रतिदिन सैकड़ों लोग बसों के माध्यम से आने-जाने पर निर्भर हैं। लेकिन भोटा बस स्टैंड की स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। यहाँ के बुनियादी ढांचे में इतनी खामियां हैं कि यात्रियों, बस चालकों और आसपास के दुकानदारों की परेशानी बढ़ती जा रही है।
गड्ढों ने बना दिया बस स्टैंड मुश्किलों का गढ़
बस स्टैंड के मुख्य मार्ग और पार्किंग एरिया में जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे पड़े हैं। बारिश के समय ये गड्ढे पानी से भर जाते हैं और जब बसें इन गड्ढों से गुजरती हैं, तो उनके टायर से उछला गंदा पानी सीधे यात्रियों और दुकानों तक पहुंच जाता है। इससे न केवल यात्रियों का सफर असुविधाजनक होता है, बल्कि दुकानदारों को भी आर्थिक और भौतिक नुकसान उठाना पड़ता है।
सैकड़ों यात्रियों के लिए यह एक दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। हर सुबह और शाम जब बसें आती-जाती हैं, तब यात्रियों को गड्ढों और पानी के बीच सावधानीपूर्वक चलना पड़ता है। वहीं, बस चालकों के लिए भी यह मार्ग चुनौतीपूर्ण साबित होता है। टायर अक्सर गड्ढों में फंस जाते हैं, जिससे बस मोड़ते समय चालक को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
प्रतिदिन सैकड़ों बसें, लाखों की आय, लेकिन खराब सुविधा
भोटा बस स्टैंड में प्रतिदिन लगभग 100 से अधिक बसें आती-जाती हैं। यह बस स्टैंड न केवल यात्रियों का माध्यम है बल्कि स्थानीय निगम के लिए आय का भी स्रोत है। यहाँ बसों के आने-जाने से संबंधित पर्चियों और दुकानों के किराए के माध्यम से निगम लाखों रुपए की कमाई करता है।
फिर भी, यात्रियों के लिए बनाए गए छोटे-से विश्राम स्थल की स्थिति अत्यंत खराब है। पुराने बेंच और टूटी-फूटी शेड के कारण लोग बैठने की सुविधा के लिए संघर्ष करते हैं। बार-बार गड्ढों और पानी के कारण यह स्थान उपयोगी नहीं रह गया है।
व्यापार मंडल के प्रधान सन्नी शर्मा ने कहा कि यह स्थिति दिन-ब-दिन खतरनाक होती जा रही है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग से अनुरोध किया है कि कम से कम गड्ढों को मिट्टी से भर कर यात्री और वाहन चालकों की परेशानी को कम किया जाए। उनका कहना है कि बस स्टैंड भले ही निगम के लिए आय का स्रोत है, लेकिन यात्रियों और दुकानदारों की सुरक्षा और सुविधा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
लोक निर्माण विभाग की प्रतिक्रिया
इस मामले पर लोक निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता सुरेश कुमार ने कहा कि भोटा बस स्टैंड की मरम्मत का कार्य बारिश के खत्म होते ही किया जाएगा। उनका कहना है कि फिलहाल मौसम की स्थिति खराब होने के कारण स्थायी मरम्मत संभव नहीं है।
सुरेश कुमार ने यह भी बताया कि विभाग की प्राथमिकता है कि यात्रियों और दुकानदारों को होने वाली असुविधा को न्यूनतम किया जाए। इस दिशा में गड्ढों को मिट्टी या अन्य अस्थायी सामग्री से भरने की योजना बनाई गई है, ताकि बसों का परिचालन सामान्य रूप से चलता रहे।
यात्रियों और दुकानदारों की कठिनाइयाँ
यात्रियों का कहना है कि बारिश के मौसम में बस स्टैंड का उपयोग करना एक चुनौती बन जाता है। वे गड्ढों से बचते हुए चलते हैं और कई बार बारिश के कारण उनके कपड़े गंदे हो जाते हैं। वहीं, दुकानदारों के अनुसार, पानी और गड्ढों की वजह से उनके सामान को नुकसान होता है और ग्राहक भी असुविधा के कारण दुकान पर कम आते हैं।
बस चालक भी इस समस्या से परेशान हैं। उन्होंने बताया कि कई बार गड्ढों में फंसने के कारण बसों के टायर और इंजन को नुकसान भी पहुंचा है। इससे उन्हें अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता है और समय पर यात्रियों को गंतव्य तक पहुँचाने में देरी होती है।
स्थानीय लोगों की मांग
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि भोटा बस स्टैंड की स्थिति सुधारना अब प्राथमिकता होनी चाहिए। यदि समय रहते मरम्मत कार्य नहीं किया गया, तो गंभीर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है।
व्यापार मंडल के प्रधान सन्नी शर्मा ने कहा:
“हम बस स्टैंड के पुनर्निर्माण की मांग कर रहे हैं। गड्ढों को भरना ही एक अस्थायी समाधान है, लेकिन स्थायी सुधार भी जरूरी है। हमारी मांग है कि लोक निर्माण विभाग जल्द से जल्द कार्यवाही करे।”
निष्कर्ष
भोटा बस स्टैंड की दुर्दशा न केवल यात्रियों और बस चालकों के लिए परेशानी का कारण है, बल्कि स्थानीय व्यापारियों के लिए भी आर्थिक नुकसान का कारण बन रही है। निगम को इस पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यह न केवल शहर की छवि के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यात्रियों और व्यापारियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए भी आवश्यक है।
स्थानीय प्रशासन और लोक निर्माण विभाग से उम्मीद की जा रही है कि बारिश के खत्म होते ही बस स्टैंड की मरम्मत शुरू की जाएगी और आने वाले समय में यात्री और दुकानदार किसी भी असुविधा का सामना नहीं करेंगे।
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