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Sirmaur: नाहन के पास गांवों में अब भी नहीं बनी पक्की सड़क, मरीजों को कंधों पर उठाकर अस्पताल ले जाना पड़ता है

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सड़क नहीं, मरीजों को कंधों पर उठाकर अस्पताल पहुंचाना पड़ता है, नाहन के पास गांवों की दुर्दशा जारी

सड़कें किसी भी इलाके की जान होती हैं, लेकिन नाहन के पास कई गांव आज भी पक्की सड़क की सुविधा से वंचित हैं। सरकार गांव-गांव तक सड़क पहुंचाने के दावे करती है, लेकिन सलानी कटोला पंचायत जैसे इलाके में हालात अब भी जस के तस हैं। खासकर मानसून में इस क्षेत्र के ग्रामीणों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। वार्ड नंबर-1 के मोहलिया, जामनवाला और झमेरिया जैसे गांवों में अब भी कच्ची सड़क है, जिससे बीमारी या इमरजेंसी की स्थिति में मरीजों को चारपाई पर उठाकर करीब तीन किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।

इन गांवों के लोग बरसात के दौरान सलानी पुल से जाबल का बाग लिंक रोड के रास्ते आने-जाने में दिक्कत झेल रहे हैं। नाहन विधानसभा क्षेत्र में विकास के दावे तो खूब होते हैं, लेकिन जमीन पर कुछ अलग ही कहानी नजर आती है।

गर्भवती महिला को कंधों पर लेकर अस्पताल पहुंचाया गया
ग्रामीणों के अनुसार, कुछ दिन पहले एक गर्भवती महिला की डिलीवरी के लिए उसे चारपाई पर उठाकर अस्पताल ले जाया गया था। डिलीवरी के बाद महिला और नवजात को अस्पताल से छुट्टी मिलते ही फिर से उसी तरह कंधों पर उठाकर घर पहुंचाना पड़ा। बारिश के दिनों में तो स्थिति और भी खराब हो जाती है। जब कोई बीमार होता है तो ग्रामीण खुद एम्बुलेंस बन जाते हैं, जिससे जोखिम भी बढ़ जाता है।

हालत बिगड़ी तो बच्चे सहित अस्पताल पहुंचाया गया
ग्रामीणों ने बताया कि हाल ही में डिलीवरी के बाद उस महिला की तबीयत अचानक बिगड़ गई। नवजात बच्चे को गोद में लेकर और महिला को चारपाई पर लेकर करीब तीन किलोमीटर पैदल सड़क तक पहुंचाना पड़ा, फिर वाहन से अस्पताल ले जाया गया। लगातार हो रही बारिश की वजह से ये कच्चे रास्ते और भी खतरनाक हो गए हैं।

सड़क खराब, पुल भी नहीं बना: ग्रामीणों की फरियाद
सलानी कटोला पंचायत के ग्रामीण बताते हैं कि सलानी पुल से जाबल का बाग तक का लिंक रोड कई जगहों पर भूमि कटाव के कारण ध्वस्त हो चुका है। इस कारण वाहन नहीं चल पाते और लोगों को पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। बारिश में कीचड़ और फिसलन ने हालात और खराब कर दिए हैं। स्कूल जाने वाले बच्चे, काम पर जाने वाले लोग और खासकर मरीज इस कच्चे रास्ते की वजह से बड़ी परेशानी में हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि आजादी के बाद भी उनकी पंचायत में पक्की सड़क का सपना पूरा नहीं हो पाया। वे सरकार और प्रशासन से जल्द इस समस्या का समाधान करने की मांग कर रहे हैं।

पंचायत प्रधान की क्या है राय?
सलानी कटोला पंचायत की प्रधान अनीता बताती हैं कि बरसात के चलते नदी का पानी बढ़ने से क्रशर वाला रास्ता बंद हो गया है। इसलिए लोग अब वाया दूमटा होकर आ-जा रहे हैं। हालांकि, वह दावा करती हैं कि लिंक रोड पक्का है, लेकिन बीच में कुछ लोगों की जमीन आने के कारण सड़क निर्माण में बाधा आ रही है। पंचायत प्रशासन इस मुद्दे को सरकार तक कई बार पहुंचा चुका है और समाधान के लिए प्रयास जारी हैं।

इस पूरे मामले में अब सवाल ये उठता है कि जब जिला मुख्यालय से कुछ ही किलोमीटर दूर के गांवों में सड़क जैसी मूलभूत सुविधा नहीं पहुंची है, तो बाकी दूरदराज के इलाकों का क्या होगा? उम्मीद है कि जल्द ही प्रशासन इन ग्रामीण इलाकों के दर्द को समझेगा और पक्की सड़क जैसी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।

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