
तहसील फतेहपुर के अंतर्गत आने वाले रैहन बस स्टैंड और मैदान के पास लगी हाईमास्ट लाइटें पिछले कई महीनों से बंद पड़ी हैं। इस कारण रात के समय पूरा क्षेत्र अंधेरे में डूबा रहता है, जिससे यात्रियों, स्थानीय दुकानदारों और निवासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को असुविधा के साथ-साथ सुरक्षा को लेकर भी चिंता सता रही है। इस समस्या का मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि इन लाइटों का बिजली बिल लंबे समय से अदा नहीं किया गया है।
रैहन खास पंचायत के सचिव जसवीर ने जानकारी दी कि पहले इन हाईमास्ट लाइटों का मासिक बिजली बिल पंचायत निधि से चुकाया जाता था, लेकिन हाल ही में पंचायत में हुए ऑडिट के दौरान इस खर्च पर आपत्ति जताई गई। ऑडिट टीम ने इस पर पंचायत पर रिकवरी डाल दी, जिसके चलते अब पंचायत से इस बिल का भुगतान नहीं किया जा सकता। सचिव का कहना है कि यदि स्थानीय दुकानदार आपसी सहमति से कुछ राशि एकत्रित करें, तो लाइटों को फिर से चालू किया जा सकता है।
इस समस्या को लेकर पंचायत के पुनर्गठन का भी ज़िक्र सामने आया है। जब यह लाइटें लगाई गई थीं, तब रैहन केवल एक ही पंचायत था। लेकिन अब इसका विभाजन हो चुका है और बस स्टैंड वाला क्षेत्र रैहन पंचायत-2 के अंतर्गत आता है। रैहन पंचायत-1 की प्रधान ललिता ने बताया कि इन लाइटों का मासिक बिल लगभग पाँच हजार रुपये आता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने रैहन पंचायत-2 की प्रधान से अनुरोध किया था कि कम से कम एक लाइट का बिल उनकी पंचायत से भर दिया जाए, लेकिन इस अनुरोध को ठुकरा दिया गया।
लाइटें बंद होने से रात में सफर करने वाले यात्रियों को भारी दिक्कत हो रही है। रैहन बस स्टैंड से हर रोज़ बड़ी संख्या में लोग पठानकोट, चंडीगढ़ और दिल्ली जैसे शहरों की ओर यात्रा करते हैं। अंधेरा होने के कारण खासकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को असुरक्षा का अनुभव होता है। इस समस्या से दुकानदार भी परेशान हैं क्योंकि ग्राहक अब देर शाम को दुकानों की ओर रुख नहीं करते, जिससे व्यापार प्रभावित हो रहा है।
स्थिति को देखते हुए क्षेत्र के लोग चाहते हैं कि इस मुद्दे का शीघ्र समाधान निकाला जाए। स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि पंचायत या प्रशासन कोई स्थायी व्यवस्था करे ताकि रात के समय रोशनी की सुविधा फिर से बहाल की जा सके और लोगों को राहत मिले।
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