करसोग उपमंडल, जो इन दिनों भारी बारिश और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है, अब एक और संकट का सामना कर रहा है। जहां प्रशासन और विभाग राहत और बहाली के प्रयासों में जुटे हैं, वहीं कुछ असामाजिक तत्व इस कठिन समय को भी अवसर में बदलकर मुनाफा कमाने में लगे हैं। जल शक्ति विभाग द्वारा स्थापित की गई जलापूर्ति योजनाएं पहले ही बुरी तरह प्रभावित हो चुकी हैं। अब इन योजनाओं में प्रयुक्त पाइपों की चोरी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
बारिश और भूस्खलन के कारण कई इलाकों में पानी की पाइपलाइनें उखड़ गई थीं। इन पाइपों को मरम्मत कर पुनः उपयोग में लाया जा सकता था, लेकिन कुछ लोगों ने इन्हें चुरा लिया है। जानकारी के अनुसार, कुछ लोग इन पाइपों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर कबाड़ में बेच रहे हैं, जबकि कुछ लोगों ने इन्हें अपने घरों में छुपा कर रखा हुआ है। इस तरह की गतिविधियों से विभाग की जलापूर्ति योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं और सरकार को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है।
जल शक्ति विभाग ने इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए करसोग थाना में शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में शंकरदेहरा, पुन्नी, इमला-बिमला खड्ड, चेहरा और परलोग जैसे क्षेत्रों में पाइप चोरी की घटनाओं का उल्लेख किया गया है। विभाग का कहना है कि यह सरकारी संपत्ति है और इसकी चोरी एक गंभीर अपराध है।
चोरी की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए विभाग ने अब ड्रोन की मदद से प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी शुरू कर दी है। विभाग के अधिशासी अभियंता कृष्ण कुमार शर्मा ने लोगों से अपील की है कि वे विभाग के कार्यों में सहयोग करें और संकट की इस घड़ी में बाधा न बनें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति चोरी की गई पाइप के साथ पकड़ा गया या उसके घर से विभागीय सामग्री बरामद हुई, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह परिस्थिति न केवल विभाग की योजनाओं को दोहरी चुनौती दे रही है, बल्कि आपदा राहत कार्यों में भी बाधा उत्पन्न कर रही है। ऐसे समय में जब सभी को एकजुट होकर काम करना चाहिए, कुछ लोग स्वार्थवश सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जो कि बेहद निंदनीय है।
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