Home हिमाचल Himachal: तनख्वाह में कटौती और देरी से परेशान 108-102 एम्बुलेंस कर्मी, मेडस्वान कंपनी पर लगाए घोटाले के आरोप, हड़ताल की चेतावनी

Himachal: तनख्वाह में कटौती और देरी से परेशान 108-102 एम्बुलेंस कर्मी, मेडस्वान कंपनी पर लगाए घोटाले के आरोप, हड़ताल की चेतावनी

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Himachal: तनख्वाह में कटौती और देरी से परेशान 108-102 एम्बुलेंस कर्मी, मेडस्वान कंपनी पर लगाए घोटाले के आरोप, हड़ताल की चेतावनी

हिमाचल प्रदेश में 108 और 102 एम्बुलेंस सेवा से जुड़े कर्मचारियों में भारी असंतोष है। मरीजों और गर्भवती महिलाओं को समय पर अस्पताल पहुंचाकर जान बचाने वाले ये कर्मचारी खुद अपने हक के लिए परेशान हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि कर्मचारियों को मई महीने की तनख्वाह 5 जुलाई को दी गई, वह भी 1800 रुपये की कटौती के साथ। इससे कर्मचारियों में गहरी नाराजगी है। वहीं जून महीने का वेतन अभी तक नहीं मिला है, जिससे कर्मचारी हताश और चिंतित हैं। इन कर्मचारियों का कहना है कि मेडस्वान कंपनी द्वारा लगातार शोषण किया जा रहा है और अब उनके सब्र का बांध टूट चुका है।

सीटू से संबंधित 108-102 एम्बुलेंस कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुनील दत्त और महासचिव बालकराम शर्मा ने आरोप लगाया है कि पिछले चार वर्षों से मेडस्वान कंपनी कर्मचारियों के साथ अन्याय कर रही है। उन्होंने बताया कि पहले उन्हें 30 दिनों का वेतन 15,040 रुपये मिलता था, लेकिन अब यह घटाकर 13,000 रुपये कर दिया गया है। जब कर्मचारी इस कटौती का कारण पूछते हैं तो कंपनी इसे पीएफ कटौती बता कर टाल देती है। सवाल यह है कि अगर अब पीएफ कट रहा है, तो क्या पहले नहीं कटता था? कर्मचारियों का कहना है कि यह पूरी तरह से भ्रम फैलाने की कोशिश है।

कर्मचारियों ने यह भी बताया कि जब उन्होंने वेतन कटौती और वेतन पर्ची को लेकर जिला सुपरवाइजर से बात की, तो उन्हें सैलरी स्लिप देने से इनकार कर दिया गया। सुपरवाइजर ने कहा कि जब तक कर्मचारी लिखित में आवेदन नहीं करेंगे, तब तक उन्हें वेतन विवरण नहीं दिया जाएगा। कर्मचारियों ने इस प्रक्रिया को अवैध और असंवेदनशील बताया। उन्होंने कहा कि मेडस्वान कंपनी ने पहले खुद स्वीकार किया था कि वह 15,032 रुपये CTC के रूप में दे रही है, लेकिन अब वेतन में कटौती कर दी गई है और पारदर्शिता बिल्कुल नहीं है।

कर्मचारी संघ ने सरकार और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के एमडी से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि जल्द ही कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो राज्य भर के एम्बुलेंस कर्मचारी हड़ताल करने को बाध्य हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी, जिसकी जिम्मेदारी सरकार और एनएचएम की होगी। कर्मचारियों ने चेताया है कि यदि शोषण और वेतन में हो रही गड़बड़ियों की जांच नहीं करवाई गई, तो वे बड़े आंदोलन की ओर बढ़ेंगे।

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