हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सोमवार की रात अचानक कुदरत ने ऐसा कहर बरपाया कि चारों ओर अफरा-तफरी मच गई। जिले के करसोग, गोहर और धर्मपुर क्षेत्रों में एक साथ बादल फटने की घटनाएं सामने आईं, जिनके कारण भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात बन गए। जिला प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस आपदा में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में एक करसोग से, दो गोहर से और एक नेरी कोटला, जो कि जोगिंद्रनगर क्षेत्र में आता है, से शामिल हैं। इसके अलावा जिले के विभिन्न हिस्सों से 16 से ज्यादा लोगों के लापता होने की सूचना है, जिनकी तलाश में राहत दल जुटे हुए हैं।

इस तबाही में धर्मपुर उपमंडल का स्याठी गांव सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। बादल फटने के बाद यहां एक बड़ा पहाड़ टूटकर पूरे गांव पर गिर गया। गांव मलबे में पूरी तरह से दब गया है। इससे कई घर और पशुओं की गौशालाएं पूरी तरह से नष्ट हो गईं। राहत और बचाव दल मौके पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भारी मलबा उनके लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। स्थानीय लोगों को आशंका है कि कई लोग अभी भी मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं। इसी क्षेत्र का कांडा पत्तन पुल भी बाढ़ की चपेट में आकर बह गया है, जिससे आवाजाही पूरी तरह से बाधित हो गई है।

गोहर क्षेत्र में भी स्थिति अत्यंत गंभीर है। यहां रात के समय बादल फटने के कारण अचानक आई बाढ़ ने दो मकानों को अपनी चपेट में ले लिया, जो पूरी तरह से बह गए। इन मकानों में रहने वाले नौ लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और बचाव टीमें उनकी तलाश में जुटी हुई हैं। सिराज विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बाड़ा में भारी बारिश के कारण एक मकान ढह गया, जिसमें छह लोग दब गए। राहत कर्मियों ने इनमें से चार लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है, जबकि एक बुजुर्ग महिला और एक लड़के का अभी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
मंडी के अन्य इलाकों जैसे कुट्टी बाईपास, पुराना बस अड्डा और थुनाग में भी मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। भूस्खलन के कारण कई स्थानों पर सड़कों का संपर्क टूट गया है और यातायात प्रभावित हुआ है। चंडीगढ़-मनाली फोरलेन पर कुल्लू और मंडी के बीच दवाड़ा के पास लैंडस्लाइड हो गया, जिससे हाईवे बंद हो गया है। यात्री पूरी रात टनल में ही फंसे रहे और वहीं रात बितानी पड़ी।

प्रशासन के अनुसार, अब तक 20 से अधिक मकान या तो मलबे में दब गए हैं या बाढ़ में बह गए हैं। जैसे-जैसे बचाव कार्य आगे बढ़ेगा, नुकसान का आंकड़ा और बढ़ने की आशंका है। खराब मौसम राहत कार्यों में लगातार बाधा बन रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
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