Shimla: हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में सीबीआई ने दर्ज की FIR, शुरू हुई जांच

हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। यह FIR दिल्ली में दर्ज की गई है। जांच के लिए डीएसपी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय स्पैशल इंवैस्टीगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है। इस FIR की शुरुआत शिमला के न्यू शिमला थाना में दर्ज शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता 2023 की धारा 108 और 3(5) के तहत की गई है। प्रदेश उच्च न्यायालय ने 23 मई को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था।

जांच टीम दिल्ली से शिमला आकर सबसे पहले मामले से संबंधित सारे रिकॉर्ड जब्त करेगी। FIR के साथ ही कुछ रिकॉर्ड पहले ही कब्जे में लिए जा चुके हैं। इसके बाद एसआईटी बिलासपुर भी जाएगी, जहां विमल नेगी का शव मिला था। FIR में विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी की शिकायत का भी उल्लेख है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके पति को पिछले छह माह से पावर कॉर्पोरेशन के उच्च अधिकारियों, विशेषकर निदेशक (विद्युत) और प्रबंध निदेशक देशराज द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था।

शिकायत में कहा गया है कि विमल नेगी को जानबूझकर रात देर तक काम करने के लिए मजबूर किया जाता था, बीमार होने पर भी छुट्टी नहीं दी जाती थी और बार-बार प्रशासनिक कार्रवाई की धमकियां दी जाती थीं। इसी कारण उन्होंने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इस मामले की जांच में यदि साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ के प्रयास पाए जाते हैं तो कई चेहरे जांच की आंच में आ सकते हैं। इस सिलसिले में पहले ही एक एएसआई को पैन ड्राइव छुपाने के आरोप में सस्पेंड किया जा चुका है और विभागीय जांच भी चल रही है।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मामले में सीबीआई को हर प्रकार का सहयोग देने की बात कही है। इस जांच में सीबीआई अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह, डीजीपी और एसआईटी की रिपोर्ट का भी अध्ययन करेगी।

मामले के प्रमुख घटनाक्रमों की बात करें तो 10 मार्च 2025 को विमल नेगी टैक्सी से बिलासपुर गए थे। 18 मार्च को उनका शव बरामद हुआ। अगले दिन 19 मार्च को पोस्टमार्टम किया गया और न्यू शिमला थाना में मामला दर्ज किया गया। पुलिस जांच से असंतुष्ट परिवार ने 21 अप्रैल को हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की मांग की, जिसके बाद 23 मई को हाईकोर्ट ने मामले को सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया।

अब सीबीआई इस जांच में हर पहलू की गहराई से जांच करेगी और मामले के सभी पक्षों का खुलासा करने का प्रयास करेगी।

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