Bilaspur: हिमाचल में लागू हो रहे हैं भारत निर्वाचन आयोग के 18 नवाचार, चुनाव प्रक्रिया होगी और अधिक पारदर्शी

बिलासपुर, 24 मई 2025। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा देशभर में शुरू की गई 18 नवाचारी पहलों को हिमाचल प्रदेश में भी सक्रिय रूप से लागू किया जा रहा है। यह जानकारी राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी नंदिता गुप्ता ने दी। उन्होंने बताया कि इन नवाचारों को छह प्रमुख श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है और इन पर राज्य में तीव्र गति से कार्य हो रहा है। इन पहलों का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और समावेशी बनाना है।

मतदाताओं की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए आयोग ने प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा निर्धारित की है। इससे मतदान के दौरान होने वाली भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा। विशेष रूप से घनी आबादी वाले क्षेत्रों और बहुमंजिला इमारतों में अतिरिक्त मतदान केंद्रों की स्थापना की जाएगी। साथ ही, मृत मतदाताओं के नाम अब रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) से प्राप्त मृत्यु पंजीकरण की जानकारी के आधार पर शीघ्रता से मतदाता सूची से हटाए जाएंगे। इससे सूची अधिक सटीक और अद्यतन बनी रहेगी।

राजनीतिक दलों के साथ संवाद और समन्वय स्थापित करने के लिए देशभर में CEO, DEO और ERO स्तर पर कुल 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की गई हैं, जिनमें 28,000 से अधिक राजनीतिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। हिमाचल प्रदेश में जिला और उपमंडल स्तर पर 257 राजनीतिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें भाजपा, आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, माकपा और एनपीपी जैसे दलों के प्रतिनिधि शामिल रहे। इसके अलावा, IIIDEM द्वारा बूथ लेवल एजेंट्स के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया गया है।

प्रक्रियागत सुधारों के अंतर्गत ECINET डैशबोर्ड की शुरुआत की गई है, जिसके माध्यम से सभी निर्वाचन सेवाएं एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध करवाई जाएंगी। साथ ही, डुप्लीकेट EPIC (मतदाता पहचान पत्र) की समस्या को समाप्त करने के लिए प्रत्येक पहचान पत्र को अब अद्वितीय बनाया गया है। इससे चुनाव प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बढ़ावा मिलेगा।

कानूनी जागरूकता को बढ़ावा देने हेतु 28 प्रमुख हितधारकों की पहचान की गई है, जिनमें मतदाता, राजनीतिक दल, अधिकारी, प्रत्याशी और मीडिया शामिल हैं। इन सभी के लिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (RP Act) और निर्वाचन नियमों पर आधारित प्रशिक्षण सामग्री तैयार की जा रही है ताकि वे चुनाव प्रक्रिया की कानूनी बारीकियों को बेहतर तरीके से समझ सकें।

चुनाव कार्मिकों के सशक्तिकरण के लिए बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर्स) को मानक फोटो पहचान पत्र प्रदान किए जा रहे हैं। अब तक 3,000 से अधिक पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जबकि एक लाख पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित करने की योजना है। हिमाचल प्रदेश से पहला बैच 26 और 27 मई को प्रशिक्षण में भाग लेगा, जिसमें तीन उपायुक्त, 12 एसडीएम और 68 BLO पर्यवेक्षक शामिल होंगे। राज्य मीडिया और सोशल मीडिया नोडल अधिकारियों के लिए भी उन्मुखीकरण सत्र आयोजित किए गए हैं, जबकि बिहार पुलिस अधिकारियों के लिए भी विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

प्रशासनिक सुधारों के तहत बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली और ई-ऑफिस को लागू किया गया है, जिससे कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी और कागज़ रहित बनाया जा रहा है। इसके अलावा, मतदाता पर्चियों को अधिक उपयोगकर्ता अनुकूल बनाया गया है, जिनमें क्रम संख्या और भाग संख्या को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया गया है, जिससे मतदाता को मतदान केंद्र पर किसी प्रकार की असुविधा न हो।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नंदिता गुप्ता ने कहा कि यह नवाचार न केवल प्रदेश की चुनावी प्रणाली को मजबूती देंगे, बल्कि हिमाचल को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में एक अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।

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