जिला ऊना इस समय सूखी ठंड की चपेट में है। नवंबर के पहले 22 दिन बीत चुके हैं और अब तक एक बूंद बारिश नहीं हुई है। इससे पहले अक्टूबर में केवल 65.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई थी। बारिश की कमी और तापमान में लगातार गिरावट के कारण लोग सर्दी, खांसी और बुखार जैसी मौसमी बीमारियों से जूझ रहे हैं। अस्पतालों और निजी क्लीनिकों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल बारिश के कोई संकेत नहीं हैं।
ऊना में दिन का तापमान 26 से 28 डिग्री के बीच बना हुआ है, जबकि रात के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है। बढ़ती ठंड के बीच बाजारों में गर्म कपड़ों की मांग भी बढ़ गई है। आयुर्वेदिक अस्पताल ऊना में रोजाना 80 से 100 मरीज पहुंच रहे हैं, जिनमें से 25 से 30 मरीज सर्दी, खांसी, बुखार, गला खराब और त्वचा संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं। चिकित्सक मरीजों को दवाइयों के साथ-साथ ठंड से बचने की सलाह भी दे रहे हैं।
आयुर्वेदिक अस्पताल ऊना में तैनात डॉ. अमन सौंखला ने बताया कि सर्दियों में पाचन शक्ति मजबूत होती है, लेकिन ठंडी हवा और नमी श्वसन तंत्र को कमजोर कर देती है। यही वजह है कि खांसी, जुकाम, सांस फूलना, पुराना दमा, त्वचा फटना और जोड़ों का दर्द इस मौसम में अधिक बढ़ जाते हैं। उन्होंने कहा कि खासकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। यदि लंबे समय तक खांसी या बुखार रहे तो चिकित्सक से तुरंत संपर्क करना जरूरी है।
मौसम विभाग के सहायक अधिकारी विनोद शर्मा ने बताया कि आज ऊना का अधिकतम तापमान 26 और न्यूनतम 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। नवंबर में अब तक बारिश नहीं हुई है और फिलहाल बारिश की कोई संभावना नहीं दिख रही।
जिला आयुर्वेदिक अस्पताल ऊना के प्रभारी डॉ. विनय जसवाल ने बताया कि अस्पताल में रोजाना 80 से 100 मरीज आते हैं। इस समय सूखी खांसी, जुकाम और सर्दी के 30 से ज्यादा मरीज प्रतिदिन पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौसम के हिसाब से लोगों को सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए।
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