जुब्बल उपमंडल के सेंज-बेठाड़ा गांव में बुधवार का दिन गमगीन रहा, जब डोगरा रैजीमैंट में ट्रेनिंग कर रहे 21 वर्षीय जवान संजय कुमार पुत्र मनोहर दास का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा। जवान की रहस्यमयी मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। जैसे ही जवान का शरीर गांव में आया, ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं और हर कोई अपने शहीद बेटे को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ पड़ा।
सुबह से ही गांव की पगडंडियों पर मातम का माहौल था। अंतिम यात्रा में बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे और दूर-दराज से आए रिश्तेदार शामिल हुए। ग्रामीणों ने जवान को श्रद्धांजलि देने के लिए ‘अमर रहे’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। मातम में डूबे परिजन लगातार बिलखते रहे और पूरे गांव में शोक की चादर पसरी हुई थी।
रैजीमैंट के आला अधिकारियों और नायब तहसीलदार सरस्वती नगर दिनेश शर्मा की मौजूदगी में जवान को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। तिरंगे में लिपटे जवान को सलामी दी गई और चारों ओर शोक और सम्मान का मिश्रित माहौल था। ग्रामीणों ने फूलों की वर्षा कर अपने जांबाज बेटे को श्रद्धांजलि अर्पित की।
सूचना के अनुसार, जवान संजय कुमार 27 सितंबर से लापता था। बाद में उसका शव नजदीकी तालाब से बरामद हुआ। हालांकि मौत के कारणों का रहस्य अभी खुला नहीं है और मामले की जांच पुलिस द्वारा गहनता से की जा रही है। स्थानीय अधिकारी और ग्रामीण इस घटना से बेहद दुखी हैं। नायब तहसीलदार दिनेश शर्मा और उपप्रधान ग्राम पंचायत पंदराणु संत राम रांटा ने कहा कि देश की सेवा करने निकले बेटे को इस तरह खो देना परिवार और पूरे क्षेत्र के लिए असहनीय है।
इस दुखद घटना ने न केवल परिवार को बल्कि पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है। जवान के माता-पिता और परिजन इस हादसे की जांच की पूरी उम्मीद रखते हैं और चाहते हैं कि जांच में सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जाए। ग्रामीणों और सेना के साथ मिलकर गांव में जवान के सम्मान में शोक सभा का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि संजय कुमार के साहस और देशभक्ति की याद हमेशा उनके दिलों में रहेगी।
जुब्बल उपमंडल में यह घटना युवाओं और ग्रामीणों के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है। अधिकारी और पुलिस प्रशासन पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने जवान के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि वह हर संभव मदद के लिए उनके साथ है।
सैनिक जीवन की कठिनाइयों और युवाओं के समर्पण को देखते हुए यह घटना पूरे क्षेत्र में गहरा प्रभाव छोड़ रही है। ग्रामीणों ने जवान के साहस और बलिदान की सराहना की और उसकी देशभक्ति को याद करते हुए युवा पीढ़ी को प्रेरित करने की बात कही।
इस दुखद और रहस्यमयी घटना से जुड़े तथ्यों की जांच अभी जारी है। पुलिस ने मृतक के परिवार और रैजीमैंट के अधिकारियों से जानकारी ली है। सुरक्षा एजेंसियों ने भी मौके पर छानबीन शुरू कर दी है। स्थानीय लोग और परिवार जवान के न्याय और मौत के कारणों का पता लगाने के लिए सरकार और संबंधित अधिकारियों से न्याय की उम्मीद रखते हैं।
संजय कुमार की शहादत ने इस बात को रेखांकित किया कि सेना में सेवा करना कितना चुनौतीपूर्ण और साहसिक कार्य है। उनकी वीरता और देशभक्ति हमेशा ग्रामीणों और साथियों के दिलों में जीवित रहेगी। गांव और आसपास के क्षेत्रों में उनकी स्मृति में विशेष श्रद्धांजलि दी गई और उनके योगदान को याद करते हुए समारोह आयोजित किया गया।
इस प्रकार, जुब्बल उपमंडल का सेंज-बेठाड़ा गांव इस दुखद घटना के चलते शोक में डूबा हुआ है, लेकिन जवान संजय कुमार की वीरता और बलिदान का संदेश आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
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