Shimla: चोरों का गिरोह शिमला में दुकानों में तोड़फोड़, एक आरोपी गिरफ्तार, अन्य फरार

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में चोरों का एक गिरोह सक्रिय हो गया है, जो पहले रैकी करता है और फिर दुकानों के ताले तोड़कर चोरी की घटनाओं को अंजाम देता है। हाल ही में एक आरोपी को स्थानीय लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया, जबकि उसके दो साथी भागने में सफल रहे। इस गिरोह के सदस्यों ने विशेष उपकरणों का उपयोग कर दुकानों के ताले तोड़े, जिससे स्थानीय व्यापारियों में डर और चिंता का माहौल है।

चोरी का तरीका

सूत्रों के अनुसार, यह चोरी का मामला शिमला के बालूगंज थाने के तहत आने वाले नाभा स्थित एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में सामने आया है। दिवाली की रात को यह घटना हुई। जानकारी के अनुसार, आरोपी अर्जुन नामक एक युवक नेपाली मूल का है, जो पुराने बस अड्डे के नीचे स्थित ढारे में रहता है। दिवाली के दिन, आरोपी ने पहले दिन के समय शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में पटाखे खरीदे और दुकानों की रैकी की। इसके बाद, रात को वह दो अन्य साथियों के साथ स्कूटी पर नाभा पहुंचा और चोरी की योजना बनाई।

अर्जुन और उसके साथी तीन से चार दुकानों के ताले तोड़ने में सफल रहे, लेकिन इससे पहले कि वे कुछ चुरा पाते, स्थानीय लोगों ने अर्जुन को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

पिछले चोरी की घटनाएं

यह पहली बार नहीं है जब नाभा के इस कॉम्प्लेक्स में चोरी की घटना हुई है। दो सप्ताह पहले भी यहां चोरी की एक घटना सामने आई थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि इसी कॉम्प्लेक्स के पास संस्कृत कॉलेज और 103 के क्षेत्र में भी चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं। स्थानीय निवासियों ने बार-बार मांग की है कि यहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं ताकि सुरक्षा बढ़ाई जा सके। खासकर, 103 के पास लगा सीसीटीवी कैमरा खराब है, जिससे चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने में कठिनाई हो रही है।

पुलिस और स्थानीय लोगों की मांग

स्थानीय लोगों ने पुलिस से आग्रह किया है कि वे ऐसे शरारती तत्वों पर सख्ती से कार्रवाई करें और सुरक्षा उपायों को मजबूत करें। कई निवासियों का मानना है कि ढारे बनने के बाद से चोरी की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिससे उनकी सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय व्यापारियों ने पुलिस को सतर्क करने के लिए विशेष बैठकें आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है, ताकि वे चोरी की घटनाओं के प्रति अधिक सतर्क रह सकें।

गिरोह की पहचान

पुलिस के अनुसार, यह गिरोह आमतौर पर ऐसे स्थानों का चयन करता है जहां सुरक्षा उपाय कमजोर होते हैं। विशेषकर, त्योहारों के दौरान जब दुकानों में भीड़ होती है, ऐसे समय में ये गिरोह अपनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं। पुलिस ने सभी दुकानदारों को सलाह दी है कि वे सुरक्षा उपायों को बढ़ाएं, जैसे कि अपने दुकानों में मजबूत ताले लगाना, और किसी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत पुलिस को सूचित करना।

सुरक्षा उपाय और जागरूकता

स्थानीय प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है कि शहर में सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। पुलिस ने भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, वे दुकान मालिकों को सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।

समाज का सहयोग

इस घटना ने स्थानीय समुदाय को एकजुट किया है। लोग मिलकर चोरी की घटनाओं की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान शुरू करने की योजना बना रहे हैं। समाज के सदस्य स्थानीय थाने में जाकर सुरक्षा उपायों पर चर्चा करने और पुलिस से मदद मांगने का फैसला कर रहे हैं।

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