करसोग, 30 नवंबर 2025। कहते हैं—एक किताब इंसान की ज़िंदगी बदल सकती है, और करसोग में यह बदलाव अब सच होता दिखाई दे रहा है। जिला प्रशासन मंडी और राज्य सरकार की पहल पर शुरू हुआ ‘अपना पुस्तकालय’ करसोग के युवाओं के सपनों को नई उड़ान दे रहा है। यह सिर्फ पढ़ने की जगह नहीं, बल्कि ज्ञान का खुला दरवाज़ा है, जहाँ किताबें पढ़ी ही नहीं, महसूस भी की जाती हैं।

करसोग को मिला शिक्षा का नया केंद्र
देवदार की खुशबू और पहाड़ों की शांत वादियों के बीच बसे करसोग में शिक्षा के क्षेत्र में कुछ बड़ा होने की उम्मीद लंबे समय से थी। संसाधनों की कमी युवाओं की राह में बाधा बनती थी। लेकिन मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रदेश के हर उपमंडल में अपना पुस्तकालय स्थापित करने का संकल्प लिया। इसी पहल के तहत करसोग के युवाओं को अब एक आधुनिक और सुसज्जित अध्ययन केंद्र मिला है।

संयुक्त कार्यालय भवन में स्थापित यह पुस्तकालय लगभग 22 लाख रुपये की लागत से बनाया गया है। यहां 100 विद्यार्थी एक साथ बैठकर अध्ययन कर सकते हैं, जो इस क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि है। शांत वातावरण, अनुशासन और प्रेरक माहौल इसे छात्रों की पहली पसंद बनाता जा रहा है।
ई-लाइब्रेरी सुविधा—डिजिटल शिक्षा की ओर बड़ा कदम
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि दूरदराज के विद्यार्थियों को भी वही शिक्षा सुविधाएं मिलें, जो बड़े शहरों में उपलब्ध हैं। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए अपना पुस्तकालय में ई-लाइब्रेरी की सुविधा जोड़ी गई है।
यहां—
• हाई-स्पीड इंटरनेट
• तीन कंप्यूटर
• ऑनलाइन अध्ययन सामग्री
विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाई जा रही है।

5,000 से अधिक पुस्तकों का विशाल संग्रह
पुस्तकालय में लगभग 5,000 पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं। इसमें—
• कक्षा 5वीं से 12वीं के पाठ्यक्रम
• NCERT तथा अन्य बोर्डों की किताबें
• HAS, IAS, Allied Services
• मेडिकल, इंजीनियरिंग
• कृषि, बागवानी, लॉ
• IIT–IIM स्तर की पुस्तकें
• पत्रकारिता, फैशन डिजाइनिंग आदि की पुस्तकें
शामिल हैं।
ये संसाधन करसोग को शैक्षणिक रूप से मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

युवाओं द्वारा युवाओं के लिए—एक प्रेरक मॉडल
इस पुस्तकालय की विशेष बात यह है कि इसकी संचालन व्यवस्था स्वयं युवा संभाल रहे हैं। यहां कोई कर्मचारी नियुक्त नहीं है।
समाज का भी योगदान उल्लेखनीय रहा है—
• समाजसेवी संस्थाएँ
• दानी सज्जन
• प्रतियोगी परीक्षाएं उत्तीर्ण कर चुके युवा
• प्रशासनिक अधिकारी
सभी ने मिलकर पुस्तकें और संसाधन दान किए हैं। यह बताता है कि जब सरकार और समाज साथ आते हैं, तब बदलाव अवश्य होता है।

भविष्य के लिए मजबूत नींव
आज अपना पुस्तकालय करसोग में शिक्षा का नया प्रकाशस्तंभ बन चुका है। यह वह ज्योति है, जिसे आने वाली पीढ़ियाँ अपनी सफलता की पहली सीढ़ी के रूप में याद करेंगी।
मुख्यमंत्री की प्रेरणा और जिला प्रशासन के प्रयासों से लगाया गया यह “ज्ञान रूपी पौधा” अब मजबूत वृक्ष बन चुका है और हजारों युवाओं को मार्गदर्शन देगा।

उपायुक्त अपूर्व देवगन का संदेश
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा—
“युवाओं को उच्च स्तरीय अध्ययन वातावरण प्रदान करना और प्रतियोगी परीक्षाओं की राह सरल बनाना ही इस पहल का उद्देश्य है। मंडी जिले में हर उपमंडल स्तर पर अपना पुस्तकालय स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि उच्च स्तरीय अध्ययन सामग्री घर के समीप ही उपलब्ध हो सके।”
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