दिल्ली-नोएडा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित राष्ट्रीय अंडर-17 बॉक्सिंग चैंपियनशिप में आलमपुर की बेटी सेजल मेहरा ने सिल्वर मेडल जीतकर अपने गांव और परिवार का नाम रोशन कर दिया। सेजल के इस प्रदर्शन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि देश के गांवों में भी अद्भुत खेल प्रतिभाएं मौजूद हैं। सेजल, जो राजेश कुमार की पुत्री हैं, ने कठिन परिश्रम और समर्पण के दम पर यह मुकाम हासिल किया है।
माता-पिता और कोच का योगदान
सेजल की इस सफलता के पीछे उसके माता-पिता का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने हमेशा अपनी बेटी का हौसला बढ़ाया और हर परिस्थिति में उसका साथ दिया। वहीं, सेजल के कोच ने भी उसकी प्रतिभा को निखारने में विशेष भूमिका निभाई। नियमित प्रशिक्षण, अनुशासन और कठिन परिश्रम के जरिए सेजल ने अपने खेल को बेहतर बनाया और चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल पर कब्जा जमाया।

सेजल का सपना: अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सफलता
अपनी इस सफलता के बाद सेजल ने कहा, “यह मेरे लिए एक नई शुरुआत है। मेरा सपना है कि मैं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करूं और देश का नाम रोशन करूं।” सेजल के इस संकल्प ने पूरे गांव को उत्साह से भर दिया है। गांव में जश्न का माहौल है, और हर कोई सेजल की इस उपलब्धि की सराहना कर रहा है।
गांव में खुशी का माहौल
सेजल की इस उपलब्धि से पूरे आलमपुर गांव में हर्ष की लहर दौड़ गई है। ग्रामीणों ने सेजल को फूल-मालाओं से सम्मानित किया और उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। यह सफलता न केवल सेजल के लिए, बल्कि उन सभी युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देख रहे हैं।

बॉक्सिंग में बढ़ता महिला खिलाड़ियों का योगदान
सेजल मेहरा की इस सफलता ने यह भी दिखाया कि महिलाएं खेल के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की लड़कियां अब आत्मविश्वास से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही हैं। सरकार और विभिन्न खेल संगठनों को चाहिए कि ऐसी प्रतिभाओं को पहचान कर उन्हें हर संभव सहयोग दें।
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