द्रोणाचार्य पी.जी. कॉलेज ऑफ एजुकेशन, रैत में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) और शोध एवं विस्तार प्रकोष्ठ के सहयोग से एक दिवसीय अंतर-विभागीय छात्र संगोष्ठी ‘SAKSHAM 2025’ का आयोजन किया गया। इसका विषय था “भारत में बदलती शिक्षा व्यवस्था: चुनौतियाँ, अवसर एवं भविष्य की दिशा।“ कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन, पुष्पांजलि स्वागत एवं बैज वितरण से हुई। संस्कृति क्लब के बी.एड. छात्रों द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। संगोष्ठी निदेशक एवं प्राचार्य डॉ. प्रवीन शर्मा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया।
इस संगोष्ठी में चितकारा विश्वविद्यालय, पंजाब के कुलपति डॉ. संधीर शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश (CUHP) के शिक्षा संकाय प्रमुख एवं यूजीसी स्थायी समिति सदस्य प्रो. (डॉ.) मनोज सक्सेना ने मुख्य वक्ताके रूप में विचार प्रस्तुत किए। डॉ. अनीता चंदेल, एसोसिएट प्रोफेसर, द्रोणाचार्य पी.जी. कॉलेज ऑफ एजुकेशन ने तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता की। कार्यक्रम में श्री अनीश कोरला, सुश्री इंदु शर्मा, श्रीमती शिल्पा शर्मा और श्री निशांत चौधरी ने विशेषज्ञ वक्ता के रूप में भाग लिया।
मुख्य अतिथि डॉ. संधीर शर्मा ने अपने संबोधन में शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार, तकनीकी प्रगति और समस्या समाधान कौशल को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को SWAYAM और SWAYAM Prabha जैसे ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफार्मों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के सेमिनार ज्ञान के आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने कॉलेज पत्रिका ‘GYAN KOSH’ का विमोचन भी किया और आयोजन समिति की सराहना की।
मुख्य वक्ता प्रो. (डॉ.) मनोज सक्सेना ने संगोष्ठी के विषय पर चर्चा करते हुए बहु-विषयक शिक्षा, कौशल-आधारित शिक्षण और भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने नई शिक्षा नीति (NEP-2020) और शिक्षण रणनीतियों, कक्षा प्रबंधन और शिक्षक प्रभावशीलता को लेकर अपनी बात रखी।
संगोष्ठी में दो तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया, जिसमें 20 छात्रों ने विभिन्न विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए। प्रमुख विषयों में शामिल थे – 21वीं सदी के शिक्षकों के लिए आवश्यक कौशल, समाज पर सोशल मीडिया का प्रभाव, शिक्षा में मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण, शिक्षा में AI और तकनीक, शिक्षण में नैतिकता और पेशेवर आचरण, विशेष शिक्षा और समावेशी शिक्षा, माता-पिता की शिक्षा में भूमिका, कक्षा प्रबंधन और अनुशासन, डिजिटल मार्केटिंग ट्रेंड्स, और ई-कॉमर्स का भविष्य।
प्रथम तकनीकी सत्र में सुश्री अदिति और सुश्री कनिका ने क्रमशः “21वीं सदी के शिक्षकों के लिए आवश्यक कौशल“ और “सोशल मीडिया का प्रभाव“ विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। द्वितीय तकनीकी सत्र में सुश्री रिया शर्मा ने “शिक्षा में AI” और श्री अक्षय ने “नई शिक्षा नीति 2020 में सुधारों“ पर अपनी प्रस्तुति दी।
सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार बी.एड. द्वितीय वर्ष की छात्रा सुश्री श्वेता चौधरी और श्री अभिलाष कुमार को प्रदान किया गया। इसके अलावा, बी.एड. द्वितीय वर्ष के श्री अक्षय और सुश्री ऋतिका को सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतकर्ता के रूप में सम्मानित किया गया।
संगोष्ठी का समापन डॉ. अनीता चंदेल के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने छात्रों और आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना की। SAKSHAM 2025 ने छात्रों को ज्ञान साझा करने, सहयोग करने और नवाचार आधारित शैक्षिक रणनीतियों का अन्वेषण करने के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान किया।
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