प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जल शक्ति विभाग को भेजा नोटिस, 15 लाख जुर्माने की राशि भरने के निर्देश
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जल शक्ति विभाग को 15 लाख रुपये के जुर्माने की राशि तुरंत जमा करवाने का नोटिस भेजा है। यह जुर्माना बारगाह स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से दूषित पानी छोड़ने के कारण लगाया गया था। बोर्ड ने हाल ही में इस प्लांट के पानी के पांच सैंपल लिए, जो गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे।
बोर्ड ने पहले भी जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए थे कि सीवरेज प्लांट से छोड़े जाने वाले पानी को उचित प्रक्रिया से शुद्ध कर ही रावी नदी में छोड़ा जाए। इसके बावजूद, विभाग ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
सीवरेज प्लांट की प्रक्रिया और प्रदूषण के प्रभाव
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्देश्य दूषित पदार्थों को हटाने के लिए भौतिक, जैविक और रासायनिक प्रक्रियाओं का पालन करना है। हालांकि, बारगाह प्लांट से छोड़ा गया पानी दूषित पाया गया, जिससे रावी नदी के पानी की शुद्धता प्रभावित हो सकती है। रावी नदी का पानी राजनगर और अन्य निचले क्षेत्रों में पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिसे समय-समय पर जांचा जाता है।
बोर्ड का सख्त रुख
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ राहुल शर्मा ने बताया कि विभाग को कई बार नोटिस भेजे गए हैं। पांच बार सैंपल फेल होने के बावजूद, विभाग ने 15 लाख जुर्माने की राशि अब तक जमा नहीं की है। हाल ही में रावी नदी के पानी के सैंपल जांचे गए, जो फिलहाल मानकों पर खरे उतरे।
जल शक्ति विभाग की लापरवाही
बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि सीवरेज प्लांट से दूषित पानी छोड़े जाने से रावी नदी का पानी पीने योग्य नहीं रह सकता। अगर विभाग समय रहते सख्ती नहीं दिखाता, तो यह पर्यावरण और जनस्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।
आगे की कार्रवाई
यदि जल शक्ति विभाग जुर्माने की राशि जल्द जमा नहीं करता, तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कानूनी कार्रवाई कर सकता है। विभाग को एक बार फिर यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि सीवरेज प्लांट से छोड़ा गया पानी मानकों के अनुरूप शुद्ध हो।
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