कंडाघाट के वाकनाघाट स्थित बाहरा विश्वविद्यालय में इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट्स द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन ‘हिमक्लेव-2’ के उद्घाटन अवसर पर स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल डॉ. धनिराम शांडिल ने फिजियोथेरेपी को स्वास्थ्य सेवा का एक अत्यंत आवश्यक और प्रभावशाली अंग बताया। उन्होंने कहा कि यह चिकित्सा पद्धति रोगियों के उपचार के साथ-साथ उन्हें स्वस्थ रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
डॉ. शांडिल ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि चिकित्सा क्षेत्र समाज सेवा का सबसे बड़ा माध्यम है और फिजियोथेरेपिस्ट इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज की व्यस्त जीवनशैली में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह होते जा रहे हैं, ऐसे में फिजियोथेरेपी जैसी पद्धतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना समय की मांग है। मंत्री ने इसे पुरानी बीमारियों को जड़ से खत्म करने का बेहतर विकल्प बताया और कहा कि यह शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध हो रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि फिजियोथेरेपी सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए उपयोगी है और यह मांसपेशियों, नसों, खेलों के दौरान लगी चोटों, मानसिक विकृति, दिव्यांगता और गतिशीलता संबंधी समस्याओं के इलाज में कारगर है। मंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि फिजियोथेरेपी पूरी तरह से दवा रहित पद्धति है और इसमें किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते। उन्होंने इसे खेल चिकित्सा का अनिवार्य हिस्सा भी बताया।
स्वास्थ्य मंत्री ने इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट्स के सदस्यों से आग्रह किया कि वे फिजियोथेरेपी का प्रचार-प्रसार करें और साथ ही लोगों को योग अपनाने की भी सलाह दें। उन्होंने कहा कि इस तरह के सम्मेलन राज्य और देश में स्वास्थ्य सेवा के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह आयोजन नवाचार, सहयोग और उत्कृष्टता को बढ़ावा देगा और समाज व रोगियों को लाभ पहुंचाएगा।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. शांडिल ने ‘हिमक्लेव-2’ की स्मारिका का भी विमोचन किया और फिजियोथेरेपी से संबंधित विभिन्न कंपनियों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस मौके पर इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजीव झा, महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ. रुचि, हिमाचल इकाई के अध्यक्ष डॉ. अनूप, बाहरा विश्वविद्यालय के महानिदेशक डॉ. आर.एम. भगत, रजिस्ट्रार विनीत कुमार, निदेशक मार्केटिंग अनुराग अवस्थी, गौरव बाली, उपमंडलाधिकारी कंडाघाट गोपाल चंद शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. अजय पाठक, जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमित रंजन सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
डॉ. शांडिल ने सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई देते हुए युवाओं से नशे से दूर रहने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि फिजियोथेरेपी गर्भावस्था से लेकर वृद्धावस्था तक विभिन्न रोगों के उपचार में एक प्रभावशाली माध्यम बन चुकी है और इसके माध्यम से जन-जन को स्वस्थ रखा जा सकता है।
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