Kangra: नूरपुर अस्पताल में डॉक्टरों और स्टाफ की भारी कमी, विधायक निक्का ने विधानसभा में उठाया मुद्दा

नूरपुर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक रणवीर सिंह निक्का ने विधानसभा में नियम 62 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश कर सिविल अस्पताल नूरपुर में डॉक्टरों और स्टाफ की कमी के मुद्दे को उठाया। विधायक ने कहा कि अस्पताल में स्वीकृत 34 डॉक्टरों में से केवल 21 ही तैनात हैं और 13 पद खाली हैं। इसी तरह चीफ फार्मासिस्ट का एक पद भी रिक्त है। नर्सिंग स्टाफ और फोर्थ क्लास स्टाफ के कई पद भी खाली होने के कारण अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।

विधायक ने बताया कि जिला कांगड़ा में प्रवेश करते समय नूरपुर सिविल अस्पताल पहला प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र है। सड़क दुर्घटनाओं और अन्य स्वास्थ्य आपात स्थितियों में भी पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीजों को लगभग 70 किलोमीटर दूर टांडा मेडिकल कॉलेज जाना पड़ता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि खाली पद भरें जाएँ और अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जाएँ।

वहीं क्षेत्रवासियों का कहना है कि अस्पताल के कई पदों को लेकर लंबे समय से घोषणाएँ तो की जाती रही हैं, लेकिन धरातल पर अभी तक कोई सुधार नहीं दिखा। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि कुछ चिकित्सक सरकारी अस्पताल के साथ-साथ निजी प्रैक्टिस भी करते हैं। वहीं कुछ सामाजिक संस्थाओं का आरोप है कि अस्पताल में कमीशन एजेंट मरीजों को इलाज के बाद अपनी फार्मा या क्लीनिक की ओर भेजते हैं। स्थानीय लोग सवाल उठाते हैं कि क्या अस्पताल प्रशासन इस मामले में चुप क्यों है और क्या कमीशन एजेंटों को राजनीतिक या व्यावसायिक समर्थन प्राप्त है।

इस मामले को लेकर क्षेत्र में लगातार चर्चा बनी हुई है, और लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की तत्काल आवश्यकता है।

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