मंडी, 6 नवंबर। हिमाचल प्रदेश में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक नई पहल शुरू हुई है। मंडी में चार माह का सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ किया गया है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को कौशल विकास के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
यह प्रशिक्षण हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना (चरण–II) के तहत खंड परियोजना प्रबंधन इकाई मंडी द्वारा शुरू किया गया है। प्रशिक्षण एंजल आई संस्थान, नेरचौक में आयोजित किया जा रहा है, जहां महिलाओं को परिधान निर्माण, डिजाइनिंग और कढ़ाई जैसी आधुनिक तकनीकें सिखाई जा रही हैं।

कार्यक्रम का शुभारंभ बल्ह की एसडीएम स्मृतिका नेगी ने किया। उन्होंने कहा कि “कौशल विकास महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की सबसे मजबूत नींव है।” उन्होंने प्रतिभागी महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि वे प्रशिक्षण में पूरे समर्पण से भाग लें और सीखी गई तकनीकों को स्वरोजगार के अवसरों में बदलें।
एसडीएम नेगी ने बताया कि महिलाएं सिलाई कार्य को छोटे उद्योग के रूप में विकसित कर स्थायी आय का स्रोत बना सकती हैं।
जिला परियोजना प्रबंधन इकाई मंडी के डॉ. हेमराज शर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण साढ़े चार माह का होगा, और प्रत्येक महिला प्रतिभागी को 3,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। संपूर्ण व्यय फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना द्वारा वहन किया जा रहा है। उन्होंने इसे ग्रामीण महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में सार्थक कदम बताया।

खंड परियोजना प्रबंधक डॉ. राजेश ने बताया कि इस प्रशिक्षण के लिए 20 महिलाओं का चयन किया गया है। ये महिलाएं कसारला उठाऊ सिंचाई योजना, झाझर नाला, जरल रोपा, सियां री कूहल, कंसा खड्ड से गनेहर रोपा और गमोलती खड्ड से रथोल क्षेत्रों से हैं।
इस अवसर पर एसएमएस डॉ. खूब राम, कृषि विकास अधिकारी हंस राज वालिया और कृषि विशेषज्ञ अमित कुमार भी मौजूद रहे।
यह पहल न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि मंडी जिले के ग्रामीण इलाकों में महिला उद्यमिता और स्वरोजगार को भी नई दिशा देगी।
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