बंगाणा (ऊना), 1 जून — हिमाचल प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने के उद्देश्य से मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है। इसी क्रम में कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के बौल और समूरकला में स्थित विभिन्न चेक डैमों में रविवार को 70,000 मछली बीज डाले गए। यह कार्यक्रम स्थानीय विधायक विवेक शर्मा के नेतृत्व में और मत्स्य विभाग के निदेशक विवेक चंदेल के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।

विधायक विवेक शर्मा ने इस मौके पर कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ऐसे लाभकारी व्यवसायों को बढ़ावा दे रही है, जो कम लागत में अधिक लाभ देने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने कहा कि मछली पालन ऐसा व्यवसाय है जो न केवल युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना सकता है, बल्कि लोगों को पौष्टिक आहार भी उपलब्ध कराता है और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करता है। विधायक ने युवाओं से आह्वान किया कि वे मत्स्य पालन जैसे कार्यों की ओर अग्रसर हों और इसे स्वरोजगार का माध्यम बनाएं।
विधायक ने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक जल संसाधनों से समृद्ध राज्य है और इन संसाधनों का सही उपयोग करके न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिल सकता है, बल्कि यह पर्यावरणीय संतुलन और सतत विकास की दिशा में भी एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है।
इस अवसर पर मत्स्य पालन विभाग, ऊना के सहायक निदेशक विवेक शर्मा भी उपस्थित रहे। उन्होंने जानकारी दी कि विभाग के निदेशक विवेक चंदेल के नेतृत्व में युवाओं को मछली पालन के लिए प्रशिक्षण, तकनीकी सहयोग और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि वे इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकें।
यह पहल मछली पालन को व्यावसायिक रूप देने और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करने की दिशा में एक ठोस कदम है। इससे न केवल ग्रामीण युवाओं को लाभ मिलेगा, बल्कि राज्य की आर्थिक संरचना भी मजबूत होगी।
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