हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में बीते ढाई महीनों के दौरान खराब मौसम ने बागवानी पर गहरा असर डाला है। मार्च से लेकर मई तक चली तेज आंधी, तूफान और ओलावृष्टि ने फलों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। बागवानी विभाग द्वारा की गई शुरुआती समीक्षा के अनुसार, इस दौरान कुल मिलाकर लगभग 10 करोड़ रुपये की क्षति का अनुमान लगाया गया है। इस प्राकृतिक आपदा से सबसे अधिक प्रभावित सेब की फसल हुई है, जबकि नाशपाती और पलम जैसे अन्य फलों को भी नुकसान झेलना पड़ा है।
बागवानी विभाग कुल्लू के उपनिदेशक उत्तम चंद पराशर ने बताया कि पिछले कुछ महीनों के दौरान मौसम लगातार बिगड़ता रहा। जिले के बंजार, आनी, निरमंड और नग्गर क्षेत्रों में ओलावृष्टि और तेज हवाओं के कारण फलों से लदे पेड़ों को नुकसान पहुंचा है। पराशर के अनुसार, इन घटनाओं ने खासकर सेब की फसल को बुरी तरह प्रभावित किया है और बागवानों को भारी आर्थिक घाटा झेलना पड़ा है।
स्थानीय बागवानों—देवराज, कपिल ठाकुर, संजय, नरेंद्र ठाकुर, सोमदेव और अजय शर्मा—ने इस नुकसान पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि बागवानी क्षेत्र की आर्थिकी की रीढ़ है। उनका कहना है कि ऐसे हालात में सरकार को आगे आकर बागवानों की मदद करनी चाहिए और नुकसान का उचित मुआवजा प्रदान किया जाना चाहिए।
जिला प्रशासन ने इस नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश सरकार को भेज दी है, ताकि सरकारी स्तर पर राहत की प्रक्रिया शुरू की जा सके। बागवानों को उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें इस आपदा से हुए नुकसान का न्यायोचित मुआवजा मिलेगा।
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