Himachal: डल्हौजी की कोमल राई बनीं चंबा और सिरमौर की पहली महिला कांवड़ यात्री, 270 KM की कठिन यात्रा से रचा नया इतिहास

डल्हौजी की रहने वाली कोमल राई ने सावन के पवित्र महीने में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए चम्बा और सिरमौर की पहली महिला कांवड़ यात्री बनने का गौरव प्राप्त किया है। भोलेनाथ के प्रति उनकी अटूट श्रद्धा और आस्था ने उन्हें यह कठिन यात्रा करने के लिए प्रेरित किया। कोमल राई ने हरिद्वार से लेकर सिरमौर के कोलांवाला भूड स्थित शिव मंदिर तक की 270 किलोमीटर लंबी यात्रा करने का संकल्प लिया है। उन्होंने अपनी यह यात्रा 14 जुलाई को हरिद्वार से शुरू की। इस यात्रा के दौरान वे गंगाजल लेकर पैदल चलकर शिवलिंग पर अभिषेक करेंगी।

कोमल राई की यह यात्रा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान भर नहीं है, बल्कि यह उनके भीतर की आध्यात्मिक शक्ति, आस्था और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। उन्होंने न सिर्फ अपने परिवार का नाम रोशन किया है, बल्कि पूरे चम्बा क्षेत्र को भी गर्व का अनुभव कराया है। वर्तमान में कोमल राई 108 आपातकालीन सेवा में ईएमटी (आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियन) के रूप में कार्यरत हैं। अपनी व्यस्त ड्यूटी के बीच भी उन्होंने इस आध्यात्मिक यात्रा के लिए समय निकालकर यह साबित कर दिया कि सच्ची श्रद्धा और संकल्प से कोई भी कार्य असंभव नहीं है।

कोमल राई की यह पहल उन महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो धार्मिक यात्राओं में भाग लेना चाहती हैं, लेकिन सामाजिक बंदिशों और परंपराओं के कारण हिचकिचाती हैं। उनकी यात्रा ने यह संदेश दिया है कि धार्मिक अनुष्ठानों में महिलाओं की भागीदारी भी पुरुषों के समान ही महत्वपूर्ण है। समाज के लोग कोमल की इस ऐतिहासिक यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित हैं और उन्हें बधाइयां दे रहे हैं। उनकी यह यात्रा हिमाचल प्रदेश के धार्मिक इतिहास में एक नई मिसाल के रूप में दर्ज होगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनेगी।

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